मेरठ के भूमाफिया यशपाल तोमर की एनएच-58 हाईवे पर स्थित वेदव्यासपुरी में पांच करोड़ कीमत की कोठी को ब्रह्मपुरी पुलिस जब्त करने पहुंची। पुलिस द्वारा कोठी से संबंधित सभी दस्तावेज जुटा लिए कए है। पुलिस का दावा किया है कि माफिया ने गैरकानूनी तरीके से धन अर्जित कर अपने भाई नरेश तोमर के नाम कोठी की। कोठी के आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। इसके बाद जब्ती की कार्रवाई शुरू की गई। बागपत के बरवाला गांव निवासी भूमाफिया यशपाल तोमर लोगों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर उनकी संपत्ति जब्त कर लेता था। ब्रह्मपुरी के थाने में यशपाल तोमर ने पुलिस से साठगांठ कर डेढ़ साल पहले दिल्ली के प्रॉपर्टी डीलर गिरधारी लाल और उसके ड्राइवर को गोली मरवाई दी थी। फिर मुकदमा दर्ज कराकर उसकी जमीन हड़प ली। गिरधारी लाल का अपने भाई से विवाद चल रहा था।
तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद यशपाल तोमर का मामला सामने आया था। यशपाल समेत दो लोगों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। उसी मामले में यशपाल तोमर पर गैंगस्टर लगाया गया है। यशपाल तोमर की तीन माह पहले एसटीएफ ने हरिद्वार में 153 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। मेरठ पुलिस ने भी ग्रेटर नोएडा में अरबों रुपये की संपत्ति जब्त की है। यशपाल तोमर की जांच एएसपी ब्रह्मपुरी विवेक यादव कर रहे हैं। एएसपी ने यशपाल तोमर के ही भाई नरेश तोमर की कोठी का पता लगा लिया। आज सुबह पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर कोठी की जब्त करने की कार्रवाई शुरू कराई।
एएसपी ने कहा ग्रेटर नोएडा में जिन किसानों ने यशपाल तोमर को अपनी जमीन नहीं दी और नोएडा विकास प्राधिकरण को बेच दी, उन किसानों पर यशपाल तोमर ने देश के दूसरे राज्य जैसे पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों की पुलिस से साठगांठ कर फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिए। इसके बाद ऐसे किसानों से यशपाल ने मुकदमा खत्म कराने की एवज में पैसा ले लिया। वह पैसा यशपाल के एक करीबी के बैंक खाते में भेजा गया। उसी पैसे से मेरठ में कोठी खरीदी गई। जिसकी कीमत करीब पांच करोड़ रुपये है।