श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन
सिकंदराराऊ ।
नगला शीशगर स्थित पथवारी माता मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक पंडित सुभाषचंद्र दीक्षित द्वारा उधव चरित्र, महारासलीला व रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया। कथावाचक ने कहा कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरी करने का वचन दिया। अपने वचन को पूरा करने के लिए भगवान ने महारास का आयोजन किया। इसके लिए शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों को मिलने के लिए कहा गया। सभी गोपियां सज-धजकर नियत समय पर यमुना तट पर पहुंच गईं। कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर सभी गोपियां अपनी सुध-बुध खोकर कृष्ण के पास पहुंच गईं। उन सभी गोपियों के मन में कृष्ण के नजदीक जाने, उनसे प्रेम करने का भाव तो जागा, लेकिन यह पूरी तरह वासना रहित था। इसके बाद भगवान ने रास आरंभ किया। माना जाता है कि वृंदावन स्थित निधिवन ही वह स्थान है, जहां श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। यहां भगवान ने एक अद्भुत लीला दिखाई थी, जितनी गोपियां उतने ही श्रीकृष्ण के प्रतिरूप प्रकट हो गए। सभी गोपियों को उनका कृष्ण मिल गया और दिव्य नृत्य व प्रेमानंद शुरू हुआ।
रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी को द्वारका में लाकर उनका विधिपूर्वक पाणिग्रहण किया। इस अवसर पर आयोजक मंडली की ओर से आकर्षक वेश-भूषा में श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह की झांकी प्रस्तुत कर विवाह संस्कार की रस्मों को पूरा किया गया। कथा के साथ-साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किया गया। परीक्षित धर्मेंद्र शर्मा मंजू शर्मा ने गोवर्धन महाराज जी को अन्नकूट प्रसादी अर्पित कर पूजा अर्चना की
इस अवसर पर धर्मेंद्र शर्मा , बीरो लाला , गुरु चेतन शर्मा, बृज बिहारी कौशिक , आचार्य शिवकुमार शुक्ला शास्त्री , जगदीश कश्यप पुजारी जी, आचार्य शैलेंद्र कृष्ण दीक्षित, पारस शर्मा ,गौरी शंकर गुप्ता, आकाश दीक्षित, राजेश शर्मा, मंजू शर्मा , भावना शर्मा , वीना मलिक , शालू विकास , मधु महेश्वरी ,वैष्णवी शर्मा, खुशी गुप्ता, ममता शर्मा, विनय शर्मा, ,दीपक शर्मा , दुर्गेश पचौरी, महेश गुप्ता आदि मौजूद थे।