Home राजनीति जन संघर्ष यात्रा से क्या संदेश देना चहते है सचिन पायलट

जन संघर्ष यात्रा से क्या संदेश देना चहते है सचिन पायलट

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) इन दिनों राज्य में सत्तारूढ़ अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार के खिलाफ जन संघर्ष पदयात्रा निकाल रहे हैं। जन संघर्ष यात्रा का मुख्य मोटो राज्य सरकार की तरफ से भ्रष्टाचार के आरोपियों पर उचित कार्यवाही नहीं करना है। सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने इस दौरान मीडिया से बातचीत की और अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा।
जनसंघर्ष यात्रा के दौरान सचिन पायलट ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, भ्रष्टाचार कहां नहीं होता। लेकिन आप उसे हटाने के लिए कितने कदम उठा रहे हैं ये मायने रखता है। उन्होंने कहा, जब पेपर लीक की जांच की जा रही थी तब बयान आया कि इसमें न कोई नेता शामिल है न कोई अधिकारी, यानी बिना जांच खत्म किए ही अगर हम पहले ही यह बात कह देंगे तो क्या जांच रह जाएगी

गर्मी तो है

इस दौरान सचिन पायलट (Sachin Pilot) से जब ये पूछा गया, इस गर्मी में वह कैसे यात्रा के साथ तालमेल बिठा रहे हैं तो ऐसे में उन्होंने जवाब दिया, हां ! मई का महीना है, इसलिए गर्मी तो है लेकिन फिर भी लोग हमारे साथ सड़कों पर निकल रहे हैं, इससे ये साबित होता है कि मैंने जो मुद्दे उठाए हैं वो प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार के मुद्दे और हमारे युवाओं के भविष्य से जुड़ी समस्याएं हमें प्रभावित करती हैं। चूंकि राज्य में हमारी ही पार्टी की सरकार है तो हमें उम्मीद है कि हमारी सरकार हमारी बात सुनेगी।

गहलोत Vs पायलट की अदावत

राजस्थान कांग्रेस में पार्टी के दो शीर्ष नेता अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच की अदावत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अपनी पार्टी की सरकार होने के बावजूद सचिन पायलट (Sachin Pilot) इन दिनों सत्ता का वनवास झेल रहे हैं।
2018 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे और फिर राज्य में अपनी सरकार बनने के बाद डिप्टी सीएम रहे पायलट इन दिनों गहलोत के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर झंडा बुलंद करते हुए दिख रहे हैं। पार्टी आलाकमान पहले ही दोनों नेताओं को अपने लिए बेहद जरूरी बता चुका है। ऐसे में सवाल उठता है, राजस्थान चुनाव से ठीक पहले पार्टी के अंदर की बगावत कहीं राज्य में कांग्रेस की सत्ता नहीं डुबा दे।