उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव (Nikay Chunav) को लेकर राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है. हर पार्टी अपने उम्मीदवारों का नाम फाइनल करने के साथ प्रचार अभियान तेज करने लगी है. लेकिन इस बीच बीएसपी (BSP) चीफ मायावती (Mayawati) ने एक चौंकाने वाला फैसला किया है. जिसका सीधा फायदा अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार इस बार निकाय चुनाव में मायावती ने चुनाव प्रचार नहीं करने का फैसला किया है. इस फैसले का सीधा फायदा समाजवादी पार्टी हो सकता है. दरअसल, बीते कोलकाता अधिवेशन के बाद से पार्टी का खास फोकस अनुसूचित जाति के वोटर्स पर रहा है. इसके लिए पार्टी खास रणनीति पर काम कर रही है. वहीं भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी सपा के साथ हर नजर आ रहे हैं, इस वजह से सपा की कोशिश सफल होने की संभावना है।
दूसरी ओर मायावती अगर चुनाव प्रचार नहीं करती हैं तो अनुसूचित जाति के वोटर्स को लेकर सपा की रणनीति सफल हो सकती है. जबकि बीजेपी का भी सीधा फोकस ओबीसी और अनुसूचित वोटर्स पर रहा है. पार्टी ने इसके लिए कई जगहों पर सम्मेलन किए हैं. वहीं बीजेपी अपनी सरकार की योजनाओं का हवाला दे रही है. बीजेपी का कहना है कि सरकार की योजनाओं का लाभ हर वर्ग को बराबर मिल रहा है।