भारत के दिग्गज उद्योगपति और टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा को ऑस्ट्रेलिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया है। ऑस्ट्रेलिया के राजदूत ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा कि रतन टाटा को ‘ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ से सम्मानित किया गया है। ऑस्ट्रेलिया के एंबेसडर बैरी ओ फैरेल ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया में भी रतन टाटा का योगदान रहा है। ये एक दिग्गज बिजनेसमैन हैं।
फैरेल ने ट्विटर पर कई फोटो के साथ एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि भारत में रतन टाटा बिजनेस, इंडस्ट्री और परोपकार के दिग्गज हैं। इनके योगदान का असर ऑस्ट्रेलिया में भी देखने को मिला है। आगे लिखते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के रिलेंशनशिप के लॉन्ग स्टैंडिंग कमिटमेंट के लिए ‘ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ से सम्मानित करते हुए खुशी हो रही है।रतन टाटा को ऑस्ट्रेलिया-इंडिया बायलेट्रल रिलेशनशिप, ट्रेड, इन्वेस्टमेंट और परोपकारी के लिए ऑस्ट्रेलिया के जनरल डिवीजन में एक मानद अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। टाटा पावर ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPSODL) के एग्जीक्यूटिव राहुल रंजन ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट के दौरान इस सेरेमनी की फोटोज भी शेयर की है।
राहुल रंजन ने अपने पोस्ट में लिखा कि रतन टाटा का योगदान दुनिया भर में है। उनकी लीडरशिप क्वालिटी और विजन में कई लोगों ने अपने मंजिल को हासिल किया है। रतन टाटा ने अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान भी दिया है। साथ ही रतन टाटा ने परोपकार के लिए भी कई कार्य किए हैं।
रतन टाटा की कंपनी दुनिया में परोपकार के लिए भी जानी जाती है। ये लाखों करोड़ों रुपये दान कर चुके हैं। रतन टाटा ने कोरोना महामारी के दौरान 1500 करोड़ रुपये का दान दिया था. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ये अपने कमाई का 60 से 70 फीसदी हिस्सा परोपकार के लिए दान कर देते हैं।