रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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Rahul Gandhi और Priyanka Gandhi को जादू सिखाते थे Ashok Gehlot

Rahul Gandhi और Priyanka Gandhi: राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई बार सियासी संकट के समय खुद को साबित किया है. यही नहीं, गहलोत की जादूगरी से जुड़े कई किस्से अक्सर लोगों की जुबान से सुनने को मिल जाते हैं. प्रदेश की सियासत में एक किस्सा अक्सर सुनने में आता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बचपन में जादू सिखाया था. इसलिए वह कांग्रेस के इन दोनों नेताओं के करीबी हैं… दोस्तों आज के इस वीडियो हम आपको इसके पीछे की सच्चाई बताएंगे.

Rahul Gandhi और Priyanka Gandhi: एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान गहलोत ने कहा- मेरे पिता जी को जादू का शौक था. 1973-74 की बात है. मुझे हॉन्गकॉन्ग के वर्ल्ड सरप्राइज शो में एक महीना पिता जी के साथ काम करने का मौका मिला. कॉलेज वगैरह में मैंने खुद शो किया. दुनिया के अंदर मैजिक कुछ नहीं है. जो दिखता है वो मैजिक नहीं है. वो ट्रिक है. आम जनता देखती है तो लगता है कि ये ट्रिक हो ही नहीं सकती ये मैजिक है.

मुख्यमंत्री गहलोत के पिता राजनीति में भी सक्रिय रहे थे. उन्होंने इसके बारे में बात करते हुए बताया कि मेरे पिताजी जोधपुर नगर परिषद के एक बार उपाध्यक्ष और अध्यक्ष रहे. वो कॉन्ट्रैक्टर भी थे.

अब बात करते हैं की अशोक गहलोत बचपन में राहुल-प्रियंका को जादू सिखाते थे या नहीं?
गहलोत कहते हैं- कई लोगों का मानना हैं कि मैंने बचपन में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को मैजिक सिखाया. अब आप बताइए क्या-क्या किस्से लोग बना देते हैं. मैं बचपन में राहुल और प्रियंका से कभी नहीं मिला. फिर भी बातें होती हैं कि मैंने राहुल-प्रियंका को बचपन में जादू सिखाया इसलिए उनके परिवार का सदस्य बन गया. यह गलत पर्सेप्शन है. लेकिन कई बार पर्सेप्शन से ही राजनीति चलती है.

अब जान लीजिए की एक जादूगर से राजनेता कैसे बने सीएम गहलोत!
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले एक जादूगर थे. उनका जन्म राजस्थान के जोधपुर जिले में 3 मई, 1951 को हुआ था. उनके पिता लक्ष्मण सिंह भी जादूगर थे. उन्होंने अपने पिता से जादू की कला सीखी थी और शुरुआती दिनों में वे पिता के साथ जादू दिखाने भी जाया करते थे. उन्होंने हांग-कांग और टोकियो में भी अपनी जादू की कला दिखाई थी, लेकिन उनका मन इस काम में कुछ खास लगा नहीं. उनका रूझान शुरुआत से ही राजनीति में था, इसलिए वे स्टूडेंट लाइफ से ही राजनीति में सक्रिय हो गए और NSUI का दामन थाम लिया. राजनीतिक करियर में यह उनका पहल कदम था. गहलोत के बारे में एक और बात जो बहुत कम लोग जानते हैं, वो ये कि वे पेशे से वकील भी हैं.

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