शुक्रवार, दिसम्बर 20, 2024
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NASA को मिली 46 साल बाद सफलता, चीन-रुस में मची खलबली

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के हाथ लगी बड़ी कामयाबी. उन्होंने ने अपने खोए हुए वॉयजर-2 प्रोब के साथ पूरी तरह संपर्क स्थापित करने का दावा किया है. एक शक्तिशाली कमांड इंटरस्टेलर शाउट के चलते अब इसका एंटीना वापस पृथ्वी की ओर मुड़ गया है. नासा को यह कामयाबी समय से काफी पहले मिल गई. स्पेस एजेंसी मानकर चल रही थी कम से कम 15 अक्टूबर तक स्थिति के सुलझने की उम्मीद नहीं होगी. संपर्क खो जाने के बाद, स्पेसक्राफ्ट नासा के डीप स्पेस नेटवर्क से कमांड रिसीव करने या डेटा वापस भेजने में असमर्थ हो गया था. हालांकि नासा ने बीते दिन स्पष्ट कर दिया कि डाटा मिल गया है.

वॉयजर-2 को बाहरी ग्रहों का पता लगाने और व्यापक ब्रह्मांड में मानवता के प्रतीक के रूप में काम करने के लिए 1977 में लॉन्च किया गया था. यह वर्तमान में हमारे ग्रह से सौर मंडल से काफी परे 12.3 बिलियन मील यानी की 19.9 बिलियन किलोमीटर से अधिक दूर है.
बीते दिनों इंजीनियरों ने वोयाजर 2 से ‘दिल की धड़कन’ तरंग का पता लगाने के लिए डीप स्पेस नेटवर्क यानी की DSN बनाने वाली कई पृथ्वी वेधशालाओं की मदद ली, हालांकि सिग्नल अभी भी अपने साथ आए डाटा को पढ़ने के लिए बहुत कमजोर था.

दरअसल, बीते दिन एक नए अपडेट में, नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी यानी की JPL जिसने जांच का निर्माण और संचालन किया, ने कहा कि वह यान को सही दिशा में निर्देश भेजने के लंबे प्रयास में सफल रही है. वोयाजर परियोजना प्रबंधक सुज़ैन डोड ने “डीप स्पेस नेटवर्क ने कमांड भेजने के लिए उच्चतम-शक्ति ट्रांसमीटर का उपयोग किया साथ ही इसे ‘सबसे अच्छी परिस्थितियों’ के दौरान भेजने का समय निर्धारित किया गया ताकि एंटीना कमांड के साथ लाइन्ड अप हो जाए

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