वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के अंदर वुजू स्थल और टॉयलेट की व्यवस्था कराने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यूपी सरकार को ज्ञानवापी परिसर में 6 टब उपलब्ध कराने का आदेश दिया। कहा कि पानी की व्यवस्था करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट निगरानी करेंगे। यह व्यवस्था केवल ईद तक रहेगी। इसके बाद डीएम निरीक्षण करेंगे। बता दें कि वुजूखाना 11 महीने से सील है।रमजान के महीने और ईद के मौके पर नमाज अदा करने को लेकर मुस्लिम पक्ष ने इसको लेकर 6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ में याचिका दायर की थी। जिसमें उनकी ओर से कहा गया था कि वुजू के लिए पानी का इस्तेमाल ड्रम से किया जा रहा है। रमजान को देखते हुए नमाजियों की संख्या बढ़ गई है। इसलिए वुजू स्थल और टॉयलेट की व्यवस्था कराई जाए।
14 अप्रैल को छुट्टी होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को मामले की सुनवाई की थी। कोर्ट ने वाराणसी के डीएम को निर्देश दिया था कि ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम श्रद्धालुओं के वुजू के लिए सही व्यवस्था कराने के लिए एक बैठक करें। डीएम ने बैठक कर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेज दी थी।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने यूपी सरकार की तरफ से कहा कि वुजू के लिए 6 टब दिए जाएंगे। CJI ने कहा कि हम आपके स्टेटमेंट को रिकॉर्ड कर रहे हैं। तुषार मेहता ने बेंच को बताया कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग जैसी संरचना से करीब 70 मीटर की दूरी बाहर मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की जा रही है।
मुस्लिम पक्ष के वादी सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि हमारी मांग थी कि वुजूखाने के बगल में ही शौचालय की व्यवस्था कराई जाए। लेकिन कोर्ट ने 70 मीटर दूर मोबाइल टॉयलेट लगाने के आदेश दिए हैं। यह मस्जिद परिसर से भी काफी दूर हो जाएगा।
हिंदू पक्ष के वादियों ने परिसर के अंदर वुजू के लिए किसी प्रकार के नए निर्माण पर आपत्ति जताई है। वहीं, यह भी कहा है कि आदि विश्वेश्वर के परिसर में किसी तरह का टॉयलेट बनाना अनुचित है। यह मंदिर गरिमा के लिए सही नहीं है।
डीएम एस. राजलिंगम ने 18 अप्रैल को ज्ञानवापी परिसर का निरीक्षण किया था। परिसर आने वाले नमाजियों के नमाज पढ़ने और वुजू करने की वर्तमान व्यवस्था को भी देखा