मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस के लिए सोमवार यानी 7 अगस्त का दिन कांग्रेस के लिए बेहद खास है क्योंकि आज इस बात पर फैसला लिया जा सकता है कि राहुल गांधी की संसद में वापसी कब तक होगी।
बता दें कि लोकसभा चनाव के लिए अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी के अध्ययन के बाद जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से ही उनकी लोकसभा की सदस्यता को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी कह चुके हैं कि देखते हैं राहुल गांधी की लोकसभा चुनाव की सदस्यता कब तक बहाल होती है।
हिंदुस्तान टाइम्स रिपोर्ट की माने तो लोकसभा चुनाव के अधिकारियों का कहना है कि आमतौर पर कोर्ट के फैसले के अध्ययन के बाद 30 मिनट के अंदर ही कार्रवाई शुरू कर दी जाती है और इस तरह की अधिसूचनाओं से जुड़े प्रपत्र लोकसभा सचिवालय के पास होते हैं। साथ ही कांग्रेस हाईकमान ने भी पार्टी सांसदों की बैठक बुलाई है। जिसमें राहुल गांधी की सदस्यता बहाली की मांग को लेकर चर्चा हो सकती है। पार्टी के संसदीय कार्यालय में सुबह 10.30 बजे बैठक होनी है।
द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को ट्वीट कर के लिखा कि केंद्र में भाजपा की सरकार राहुल गांधी की लोकसभा चुनाव सदस्यता क्यों बहाल नहीं कर रही है। इसके साथ उन्होंने कहा कि क्या केंद्र सरकार राहुल से डर गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषसिद्धि पर रोक लगाने के बावजूद राहुल गांधी की संसद सदस्यता को बहाल क्यों नहीं किया गया। उन्हें अयोग्य घोषित करने को लेकर दिखाई गई तत्परता अब क्यों गायब है। उन्होंने कहा कि क्या भाई राहुल गांधी की संसद में मौजूदगी से भाजपा डर गई है।
तो वहीं भाजपा नेता नारायणन तिरुपति ने कहा कि संसद के अपने नियम और कानून होते हैं। राहुल गांधी संसद के सदस्य थे और उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सर्वोच्च है और राहुल गांध की उपस्थिति से कोई फर्क नहीं पड़ता। साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि वह सिर्फ बोलते हैं और फिर आंख मारते हैं।