लोकसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी पार्टी BJP और कांग्रेस दोनों अपनी चुनावी रणनीति की तैयारी में लगे है। एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी विपक्षी दल को एकजुट करने में लगें है। तो वहीं ओमप्रकाश राजभर से बीजेपी की बढ़ती नजदीकी को लेकर राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा तेज हो गई है। ये खबर कही ना कही कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है।आगे खबर में जानिए क्या है पूरा मामला।
आपको बता दें वाराणसी के सर्किट हाउस में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की खबरों पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का बयान सामने आया है। उन्होंने सीएम योगी से मुलाकात की खबर को सिरे से खारिज कर दिया है। सर्किट हाउस में बीते दिनों रात में सीएम योगी को अपने बेटे की शादी के लड्डू खिलाने पर ओपी राजभर ने कहा कि ‘शादी के लड्डू सीएम योगी आदित्यनाथ को नहीं खिलाए गए हैं। जब फिर आएंगे तो बताएंगे कि क्या बातें हुईं।
तो वहीं ओमप्रकाश राजभर ने कहा, “मैं पिछले 20 सालों से जिन मुद्दों की मांग कर रहा हूं, उन पर कोई एक भी राजनीतिक पार्टी कायम नहीं है।अखिलेश यादव, मायावती, जयंत चौधरी, सोनिया गांधी या नीतीश कुमार जिस दिन एक मंच पर आएंगे, उस दिन वे 2 घंटा पहले हमको बता दें, मैं उनसे देश के किसी कोने में पहले उस मंच पर पहुंच जाऊंगा और गठबंधन भी करूंगा। मैं चाह रहा हूं कि सभी नेताओं का गठबंधन हो। यदि विपक्ष के नेता कहते हैं कि पिछड़े और दलित के साथ अन्याय हो रहा है तो यह लोग इकट्ठा क्यों नहीं हो रहे हैं?
हालांकि पिछड़े और दलित के साथ हो रहे अन्याय के जिम्मेदार विपक्ष को ठहराते हुए ओपी राजभर ने कहा कि ‘इसके दुश्मन यही लोग हैं। अखिलेश यादव और मायावती चाहते हैं कि पिछड़े और दलित का हित न हो।
बता दें जातीय जनगणना की मांग विपक्ष के द्वारा किए जाने पर ओपी राजभर ने कहा कि ‘जब यह लोग सत्ता में थे तब इनको जातीय जनगणना याद नहीं आया और अब विपक्ष में हैं तो इनको जाति जनगणना की याद आ रही है।जब बीजेपी विपक्ष में होगी तो उसे भी जातीय जनगणना याद आएगा। आगामी लोकसभा चुनाव में किसी राजनीतक दल से बात होने पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि ‘मेरी किसी से कोई बात नहीं चल रही है।
आपको बता दें बीजेपी से बढ़ती नजदीकी के सवाल पर ओपी राजभर ने कहा कि ‘मेरे घर पर जयंत चौधरी भी आए थे और समाजवादी पार्टी के भी दर्जनभर नेता आए थे। अखिलेश यादव के द्वारा भेजे गए उनके लोग भी मेरे घर पर आए हुए थे। मीडिया को बीजेपी के नेता इसलिए ज्यादा दिखाई देते हैं, जैसे बारात में दूल्हा।