गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
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ॐ मेरिट में आने के बेहतरीन उपाय ॐ

हम सभी जीवन में सफल होना चाहते है l सफलता प्राप्ति के लिए विविध प्रकार के कार्य करते हैं l हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं l आज तक कोई आदमी अपनी सोच की सीमा से आगे नहीं बढ़ पाया है l हम देवी देवताओं की पूजा प्रार्थना करते रहते हैं ,परन्तु वास्तव में हम अपने कर्मों से ही आगे बढ़ते हैं l दूसरे शब्दों में कह सकते हैं की हम अपने आप को ही गिफ्ट देते हैं l कोई भी देवी देवता हमें उपहार देने नहीं आता l हम अपने भगवान खुद ही हैं l अतः अपने भाग्य का निर्माण हमें ही करना है l जब तक ये बात हम आत्मसात नहीं कर पायेंगे तब तक हम वास्तविक उन्नति नहीं कर पाएंगे l
श्रीरामचरितमानस में लक्ष्मण की कही गयी ये बात सत्य है कि –

कायर मन कर एक अधारा , दैव दैव आलसी पुकारा l (तुलसीदास – श्रीरामचरितमानस –उत्तरकाण्ड) अतः काम करने का और पढने का उचित माहौल तैयार कर जुट जाएँ l

सर्वप्रथम अपने लक्ष्य को निश्चित करें l

लक्ष्य कई प्रकार के हो सकते हैं l प्रथम दीर्घ कालीन लक्ष्य द्वितीय मध्यकालीन लक्ष्य, तृतीय अल्पकालीन लक्ष्य l सबसे पहले उन लक्ष्यों को निर्धारित करें जो आप अपने जीवन में पाना चाहते हैं l दूसरे शब्दों में आप जैसा जीवन जीते हें उसका चुनाव आप खुद करते हैंl इस तथ्य को आप सोचें या न सोचें l जो लोग बिना सोचे काम करते हैं कि अपने जीवन से क्या पाना चाहते हैं उनका जीवन तात्कालिक घटनाओ और आवश्यकतापूर्ति बन कर रह जाता है l सामान्य स्थिति से ऊँचा उठने वाले लोगों ने पहले ही अपने आगे बढ़ने के विषय में सोच लिया था l मध्यम लक्ष्य वे हैं जिन्हें हम आगामी वर्षों में पाना चाहते हें l
अल्पकालीन लक्ष्य प्रतिदिन और सप्ताह से सम्बंधित होते हैं l इन्हें हम प्रति दिन के हिसाब से निर्धारित करते हैं l प्रति-दिन इसका आकलन भी होना चाहिए l आकलन के अनुसार प्रतिदिन सुधार भी होना चाहिए l उसमे युगानुरूप नये सुधार भी होने चाहिए l
आपने लक्ष्य बना लिया l पढाई प्रारम्भ कर दी l अपने लक्ष्य पर धीरज के साथ लगे रहिये l                    कबीर वाणी को याद रखिये –

धीरे – धीरे रे मना, धीरे –धीरे होयl
माली सींचे सौ घडा ,ऋतु आये फल होय ll

अध्ययन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आपने अपने पाठ्यक्रम को कितना समझा है l पाठ्यक्रम का अध्ययन करें और विश्लेषण भी करें l पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों के अध्ययन से आपको तैयारी की दिशा पता चल जाएगी l
पाठ्यक्रम के अनुसार टाइम टेबल अवश्य बनाएं l टाइम टेबल बनाकर पढने से हर विषय की तैयारी हो जाती है l संतुलित अध्ययन का सबसे बड़ा उपाय यही है l
टाइम टेबल में मनोरंजन व तात्कालिक महत्व के कार्यक्रमों का भी ध्यान रखें l जिससे आप तनाव रहित होकर जी सकें l
योग ध्यान और जप के प्रयोग से मानसिक स्थिरता की प्राप्ति होती है l जो स्वस्थ जीवन हेतु अति आवश्यक है l हर सफलता अच्छे स्वास्थ्य की बलि देकर नहीं होनी चाहिये l योग और ध्यान हमे आंतरिक मजबूती प्रदान करते हैं l
लड़ाई के मैदान में जाने के पूर्व सेना वर्षों तक अभ्यास करती है l एक पहलवान कुस्ती लड़ने के पहले बहुत दिनों तक अभ्यास करता है l इसी तरह परीक्षा के पूर्व एक परीक्षार्थी को भी लिखने का जबरदस्त अभ्यास होना चाहिए l गणित और विज्ञान के विद्यार्थी को सवालों के हल करने का अभ्यास होना चाहिये l सीबीएसई और यू ० पी ० बोर्ड के विद्यार्थियों को तीन घंटे तक लिखने का कार्य करना पड़ता है l इस कार्य की सफलता हेतु प्रतिदिन नोट्स बनाना और प्रश्नों को हल करने का प्रक्टिस करना चाहिए l
दोहराना या पुनरावृत्ति एक अति आवश्यक क्रिया है l इसके बिना अच्छे अंक की कल्पना करना भी कठिन है l पुनरावृत्ति के माध्यम से हमारी स्मृत्ति में वृध्दि होती है

माइंड पावर स्टडी टेकनीक के लेखक श्री राज बापना
रिवीजन को प्रमुख याददास्त बूस्टर के रूप में मानते हैं l उनके अनुसार अध्ययन किये गये विषय को उसी दिन ,सप्ताह के अंदर पुनः और माह के अंत में करने से अध्ययन का विषय याद हो जाता है l लम्बे समय तक याद रखने हेतु बार बार की पुनरावृत्ति अति आवश्यक है l इस सन्दर्भ में इस वाक्य को याद रखें –

करत करत अभ्यास के जडमति होत सुजान l
रसरी आवत जात के सिल पर पड़त निशान ll

अर्थात बार–बार अभ्यास से मूर्ख भी विद्वान हो जाते हैं l
फाइनल परीक्षा के पूर्व अपना परिक्षण अवश्य करें l इससे अपनी कमियों का पता चलेगा l आप अपनी कमियों में सुधार कर पाएंगे l

आत्म विस्वास बढ़ाने हेतु पूर्व परीक्षा का महत्त्व अत्यधिक होता है l आपको एक बात अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए कि सफलता सीढ़ी दर सीढ़ी चढने का नाम है l अतः अपने आप में सतत और उत्तरोत्तर सुधार करते रहें l
परीक्षा के पूर्व रात्रि में भरपूर नींद आवश्यक है l इससे स्मृति अच्छी रहती है l परीक्षा के समय आलस्य नहीं रहता है l तनाव दूर होकर मन एकाग्र रहता है l
जीवन में सफलता प्राप्ति की राह में कठिनाइयों का आना स्वाभाविक है l मान कर चलिए यह भी सफलता का एक अंग है l प्रारम्भ में ही कठिनाइयों से डरना ठीक नहीं है l हीरा तभी बनता है जब कोयला खूब ताप और दाब का सहन करता है l उसी तरह हम आप भी कठिनाइयों को झेल कर ही अच्छे बनते हैं l
कवि सोहन लाल द्विवेदी ने सत्य ही लिखा है –

असफलता एक चुनौती है… स्वीकार करो…
क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो…
जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम…
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम…
कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती…
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती…

अपनी कमजोरियों को पहचानना सबसे बड़ी बात होती है, उसे सुधारना और भी बड़ी बात होती है l

 

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