हाथरस (ब्रजांचल ब्यूरो) ।
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में किये गए लॉक डाउन के चलते हर वक्त घर में रह रहे हर उम्र के लोग अधिक से अधिक समय मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर/लैपटॉप पर आँख गड़ाये रहते हैं । उनकी यह आदत उनको बीमार बना सकती है, इसलिए जितना जरूरी हो उतने समय तक ही मोबाइल का इस्तेमाल करें । यही नहीं बच्चों की आन लाइन पढ़ाई भी हो रही है। इससे सारा जोर आँखों पर पड़ रहा है। मोबाइल पर फेसबुक व व्हाट्सअप ग्रुप भी कई-कई घंटे तक आँखों के सामने होते हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सूर्य प्रकाश का कहना है कि लाक डाउन के इस दौर में ज्यादातर शिकायतें मिल रहीं हैं कि लोगों की आँखे लाल हो रही हैं। उनमें चुभन हो रही है। सूखापन, सिर में दर्द, आंख में चिपचिपापन है। आंखों से पानी आने की शिकायतें भी आम हैं। आंखों में तनाव और भारीपन की शिकायतें भी लोग कर रहे हैं। विटामिन सी और ए इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। विटामिन ए विशेष तौर पर आंखों के लिए जो कि सामान्य पीले रंग के फलों में पाया जाता है। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करें तो पलकों को जल्दी-जल्दी झपकाएं। हर घंटे बाद आँखों को विश्राम दें। दिन में तीन-चार बार आँखों को शीतल जल से धोते रहें। चिकित्सक की सलाह से आई ड्रॉप भी ले सकते हैं । अगर आँखों में लालपन, चुभन, पानी आ रहा है तो ये तीनों लक्षण बैक्टीरियल, वायरल और अलर्जी के हैं।
आंखो से कोरोना का खतरा, चश्मा पहनें
कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा आंखों से भी रहता है। आंखों के माध्यम से भी कोरोना वायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है। खांसने, छींकने आदि के कारण निकलने वाली बूँदें हवा में आ जाती हैं । इन्हीं में कोराना वायरस छिपा होता है। इसीलिए कहा जाता है कि चेहरे को हाथ न लगाएं और बार-बार हाथ धोते रहें। चश्मा पहनकर बाहर निकलेंगे तो एयरोसोल (हवा में तैरते ड्रॉपलेट) के हमले से बचा जा सकता है।