Facebook और Instagram: सोशल मीडिया कंपनी मेटा ने भारत में मेटा वेरिफाइड प्रोग्राम को शुरू कर दिया है। कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग ने इसकी घोषणा की। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘मेटा वेरिफाइड अब भारत, यूके और कनाडा में अवेलेबल है और ब्राजील में जल्द आ रहा है।’
Facebook और Instagram: भारत के लिए मेटा ने iOS और एंड्रॉयड डिवाइस यूजर्स के लिए 699 रुपए मंथली सब्सक्रिप्शन प्लान रखा है। कंपनी ने बताया है कि अगले कुछ महीनों में वेब यूजर्स 599 रुपए हर महीने देकर सब्सक्रिप्शन प्लान ले सकेंगे। इस सब्सक्रिप्शन प्लान के जरिए फेसबुक और इंस्टाग्राम में ब्लू टिक मिलेगा।
पहले से वेरिफाइड अकाउंट का नहीं हटेगा ब्लू टिक
Facebook और Instagram: मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि जो फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पहले से वेरिफाइड हैं, उन्हें ब्लू टिक सब्सक्रिप्शन प्लान नहीं लेना होगा। पहले से वेरिफाइड यूजर्स का ब्लू टिक नहीं हटेगा।
टेस्टिंग के दौरान पॉजिटिव रिजल्ट मिले
मेटा ने ब्लाग पोस्ट के जरिए कहा कि दुनिया के कई देशों में टेस्टिंग के दौरान पॉजिटिव रिजल्ट देखने को मिले हैं, जिसके बाद भारत में इस सर्विस को शुरू किया जा रहा है।
वेरिफाइड यूजर्स को मिलेंगे खास फीचर्स
- ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन की तरह ही मेटा वेरिफाइड यूजर्स को भी कुछ खास फीचर्स मिलेंगे। जुकरबर्ग ने कहा, ‘मेटा वेरिफाइड हमारी सर्विस, ऑथेंटिसिटी और सेफ्टी फीचर्स को बढ़ाने के लिए है।’
- कंपनी का दावा है कि मंथली सब्सक्रिप्शन लेने वाले यूजर्स की कंटेंट विजिबिलिटी और रीच बढ़ेगी। इसके साथ ही फेसबुक और इंस्टाग्राम पर स्टोरीज और रील्स के लिए एक्सक्लूसिव स्टीकर्स मिलेंगे।
- एक्ट्रा इंपर्सोनेशन प्रोटेक्शन मिलेगा, यानी कोई और आपकी फेक ID नहीं बना सकेगा। क्रिएटर्स को सपोर्ट करने के लिए फेसबुक पर हर महीने 100 स्टार मिलेंगे।
शर्तें पूरी करने पर ही वेरिफाइड होगा अकाउंट
कंपनी ने बताया कि जिन यूजर्स को मेटा वेरिफाइड सब्सक्रिप्शन प्लान लेना है, उनकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। इसके साथ अकाउंट पर मिनिमम एक्टिविटी होनी जरूरी है। साथ ही, यूजर्स को एक गवर्मेंट ID अपलोड करनी होगी, जिसके अनुसार अकाउंट का नाम और फोटो मैच होना चाहिए।
सब्सक्रिप्शन पर जाने की 3 बड़ी वजहें
- मैक्रोइकोनॉमिक डाउनटर्न, कॉम्पिटिशन और कम विज्ञापन के कारण रेवेन्यू में गिरावट आई है।
- कंपनी को पूंजी कुशल बनाने के लिए जुकरबर्ग नए मॉडल से रेवेन्यू बढ़ाना चाहते हैं।
- जुकरबर्ग ने मेटावर्स के लिए बड़ा इन्वेस्टमेंट किया है। वो इसकी भरपाई करना चाहते हैं।
2004 में हार्वर्ड में बनाई थी फेसबुक
जुकरबर्ग ने 2004 में हार्वर्ड में अपने होस्टल के कमरे में फेसबुक की स्थापना की थी। साइट को बनाने का ओरिजिनल आइडिया एक सोशल नेटवर्क बनाना था, ताकि हार्वर्ड के छात्र ऑनलाइन एक दूसरे से जुड़ सकें। हालांकि, साइट ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की और अन्य यूनिवर्सिटीज में विस्तार किया। अब यह 2.04 बिलियन से ज्यादा डेली एक्टिव यूजर्स के साथ एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म बन गया है।
मार्क जुकरबर्ग शुरुआत से ही फेसबुक के CEO रहे हैं। उनके नेतृत्व में, फेसबुक एक छोटे स्टार्टअप से ग्लोबल सोशल मीडिया दिग्गज के रूप में ग्रो हुआ है। हालांकि, जुकरबर्ग की प्लेटफॉर्म पर डेटा लीक और फेक न्यूज को लेकर आलोचना भी होती रही है।