सिकंदराराऊ (ब्रजांचल ब्यूरो):
पत्रकार की हत्या: सत्ता किसी की रहे कलम के सिपाहियों को तो शिकार होना ही है जी हाँ यही तो चला आ रहा है उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर आए दिन हो रहे हमले एवं उनकी एवं उनके परिजनों की हत्या किए जाने का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। प्रदेश में अपराधी बेलगाम मीडिया के लोगों को सच लिखने व दिखाने पर अपना शिकार बना रहे है। मूक दर्शक बने बैठे अधिकारी अपराधियों पर अंकुश क्यों नहीं लगा पारहे यह सोचने का विषय है। सहारनपुर में पत्रकार एवं उसके भाई की हत्या किए जाने का ताजा मामला इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
पत्रकार की हत्या: पत्रकार व उसके भाई की जघन्य हत्या के 24 घंटे बाद भी अपराधियों का न पकड़े जाने के क्या मायने निकाले जायें। हाथरस जनपद के पत्रकारों में इस जघन्य हत्याकांड से तीव्र आक्राशि व्याप्त है सिकन्दराराऊ तहसील के पत्रकारों ने सोमवार को ग्रामीण पत्रकार एसोसियेशन के तत्वावधान में मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपकर अपना विरोध प्रदर्षित किया ।
दिये गये ज्ञापन में उल्लेख किया है कि शराब माफिया की खबर लिखना दैनिक जागरण के पत्रकार आशीस कुमार और भाई आषुतोस को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है जिससे समस्त मीडिया कर्मियों में रोष देखने को मिला। ज्ञापन मंे म्रतक पत्रकार के परिजनो को सरकार द्वारा पचास लाख रुपये का मुआवजा देने और आरोपीयों को गिरफ्तार कर कडी से कडी सजा देने की मांग की गयी है। इस मौके पर प्रमुख रूप से राकेश वाष्र्णेय, विनय चतुर्वेदी, पवन पंडित, सुशील पुढीर, विजयवर्ती पाठक, नीरज गुप्ता अध्यक्ष ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन सिकंदराराऊ, अखलाक भारती, फैजान भारती,रविन्द्र यादव, रितुराज चंचल, पंकज कुमार आदि पत्रकार उपस्थित थे।