व्याकुलता ,शीघ्रता से कभी रामराज्य नही आ सकता है – श्री सतगुरु शरण जी महाराज
सिकंदराराऊ ।
नगर में स्थित ममता फार्म हाउस में श्री राम कथा के आयोजन के नवम दिवस के अवसर पर अयोध्या धाम से पधारे श्री सतगुरु शरण जी महाराज के मुखारविंद से चल रही मर्यादा पुरुषोत्तम राम कथा का भव्य समापन विशाल हवन यज्ञ के साथ हुआ।
राम कथा के अंतिम दिन आचार्य सतगुरु शरण जी महाराज ने राजा राम के राज्याभिषेक की कथा सुनाते हुए कहा कि समस्त प्रेम का परिपक्व स्वरूप ही राम राज्याभिषेक है। संपूर्ण प्रेम की पूर्णता ही राम राज्याभिषेक है। उच्चतम चेतना और आंतरिक ऊर्जा का संपूर्ण विकास ही राम राज्याभिषेक है।
महाराज ने राम राज्याभिषेक प्रसंग पर चर्चा के दौरान कहा कि हर जगह हर गांव, हर समाज, व हर देश मे राम राज्य की कल्पना इसी कारण की जाती हैं। राज्य में परस्पर में लोग एक दूसरे से प्रेम करते हैं। अपने जीवन की उच्चतम चेतना और आंतरिक उर्जा का संपूर्ण विकास ही श्रीराम राज्याभिषेक हैं।
उन्होंने कहा कि राजा वही सफल होता हैं। जो राजा बनने से पूर्व ही अपने प्रजा के क्षेत्र नगर घूमघूम कर सुख दुख देख लिया करता हैं। वही राज्याभिषेक हैं। इसमें प्रतीक्षा भी जरूरी हैं। व्याकुलता ,शीघ्रता से कभी रामराज्य नही आ सकता हैं। भगवान राम ने रावण को युद्ध में परास्त किया और उसके छोटे भाई विभीषण को लंका का राजा बना दिया। राम, सीता, लक्ष्मण और कुछ वानर गन पुष्पक विमान से अयोध्या नगरी पहुचे । वहां सबसे मिलने के बाद राम और सीता का अयोध्या में राज्याभिषेक हुआ। राजा बनने से पहले भगवान राम ने विभीषण को लंका का राजा बनाया ।
इस मौके पर बनवारी लाल दीक्षित, जोगिंदर दीक्षित, अशोक दीक्षित, सुरेंद्र दीक्षित, दिग्विजय दीक्षित, रामकिशन दीक्षित, पंकज दीक्षित आकाश दीक्षित, रोहित दीक्षित, सोहित दीक्षित, देवांश दीक्षित, रिंकू यादव, ओमवीर बघेल , मनोजशर्मा, अरविंद शर्मा, हर्ष पाठक, रिंकू शर्मा, अभिषेक शर्मा, दुर्वेश पचौरी, हरेंद्र दीक्षित आदि उपस्थित रहे।