सोमवार, जुलाई 8, 2024
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वंदे मातरम पर सपा विधायक अबू आजमी क्या बोले

महाराष्ट्र के मानखुर्द शिवाजी नगर जिले के सपा विधायक अबू आजमी ने चौकाने वाला बयान दिया, अबू आजमी ने कहा क अपने मजहब के मुताबिक मैं वंदे मातरम नहीं बोल सकता हूं। लेकिन मेरे दिल में इस मुल्क के लिए इज्जत कम नहीं है। इस बात  पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

 आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के ‘वंदे मातरम’ पर टिप्पणी को लेकर बीजेपी के विधायकों के शोर-शराबे के बाद बुधवार यानी 19 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार संभाजीनगर जिले में हुए दंगे का मुद्दा उठाते हुए अबू आजमी ने कहा कि ‘वंदे मातरम’ का नारा लगाना हमें अस्वीकार्य है। क्योंकि हम केवल खुदा में विश्वास करते हैं। अबू ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि अगर भारत में रहना है तो वंदे मातरम बोलना ही होगा। लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते। 

 मीडिया रिर्पोट के मुताबिक सदन से बाहर आने के बाद अबू आजमी ने कहा कि,जब भी हाउस में वंदे मातरम होता है। तो मैं खड़ा होकर उसकी इज्जत करता हूं, लेकिन मैं उसको पढ़ नहीं सकता। क्योंकि मेरे मजहब में ये कहा गया है कि, अल्लाह जिसने जमीन बनाई, आसमान बनाया, सूरज बनाए, चांद बनाए, इंसान बनाए और सारी दुनिया को बनाया, उसके अलावा किसी के सामने सिर नहीं झुका सकते। साथ ही अबू ने कहा कि मैं कोई आपका अपमान तो नहीं कर रहा हूं। सुप्रीम कोर्ट ने भी ये अधिकार दिया है।
आजमी के इस बयान पर भाजपा विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई और फिर इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधायकों से शांत रहने की अपील की और कहा कि आजमी की टिप्पणियां विषय के लिए अप्रासंगिक हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आजमी को चर्चा के लिए सूचीबद्ध मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। नार्वेकर की अपील के बाद भी हंगामा जारी रहा इसी कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।
तो वहीं आजमी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, हम वो है जिनके पूर्वजों ने इस देश के लिए अपनी जान दे दी, हम वो है जिन्होंने पाकिस्तान को नहीं बल्कि भारत को अपना मुल्क माना। हमें इस्लाम सिखाता है कि सर उसी के आगे झुकाओ जिसने ये सारा जहान बनाया। इसके बाद अबू आजमी ने कहा कि, अगर मैं अपने मज़हब के मुताबिक वंदे मातरम नहीं बोल सकता हूँ, तो इस से मेरे दिल में मेरे मुल्क के लिए इज़्ज़त और मेरी वतनपरस्ती में कोई कमी नहीं होगी। और इस बात से किसी को अप्पत्ति भी नहीं होनी चाहिए। जितना  आप इस मुल्क को मानते हैं उतना हम भी मानते हैं।
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