बीजेपी ने कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड’ लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सांसदों को जिम्मेदारी सौंपी है। लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी का फोकस उत्तराखंड में हारी हुई 23 विधानसभा सीटों पर रहेगा।
बता दें कि प्रदेश मीडिया प्रभारी मानवीय सिंह चौहान ने बताया कि बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने 75 फीसदी मतों की प्राप्ति के लिए सभी सांसदों के लिए जिम्मेदारी तय की है। साथ ही कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड अभियान का मुखिया पांच लोकसभा सांसद और तीन राज्यसभा सांसदों को नियुक्त किया गया है। महेंद्र भट्ट ने सभी सांसदों से हारी हुई विधानसभा सीटों पर कमल खिलाने को कहा है। साथ ही उन्होंने सांसदों को दिशा निर्देश भी दिए।
बीजेपी ने क्यों शुरू किया कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड अभियान?
कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर जनता के बीच बीजेपी सरकारों की उपलब्धियों को सांसद बताएंगे। सूत्रों के अनुसार सांसदों को कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन बैठक पर चर्चा करने को भी कहा गया है। प्रदेश में सांसदों को सूची वार तरीके से विधानसभाओं का दायित्व सौंपा गया है। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद तीरथ सिंह रावत को बद्रीनाथ द्वाराहाट विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है और टिहरी सांसद महारानी माला लक्ष्मी शाह को यमुनोत्री की अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा को लोहाघाट धारचूला पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा का दायित्व संभालने को कहा गया है।
लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को क्यों सौंपी गई कमान?
बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री और नैनीताल सांसद अजय भट्ट खटीमा नानकमत्ता किच्छा विधानसभा की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसी तरह राज्यसभा सांसद नरेश बंसल को भगवानपुर पिरान कलियर और बाजपुर विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को प्रताप नगर चकराता और हल्द्वानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही कल्पना सैनी को लक्सर झबरेड़ा जसपुर विधानसभा की जिम्मेदारी निभाने को कहा गया है। बता दें कि बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव के मुद्दे पर अभी से सक्रिय हो गई है और तमाम कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों को बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए एक्टिव मोड में रहने का आदेश भी दिया है।