रविवार, सितम्बर 8, 2024
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राष्ट्रपति की जाति का हवाला देकर भड़काऊ बयान दिए!

देश राजधानी दिल्ली की खबर है। दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य के खिलाफ शनिवार को एक शिकायत दर्ज की गई है। ये नए संसद भवन के उद्घाटन के आयोजन के संबंध में है। आरोप है कि अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का हवाला दिया गया, जिससे समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा मिला। भड़काऊ बयान भी दिए गए। जो कि IPC की धारा 121,153A, 505 और 34 के तहत अपराध की क्षेणी में आता है।

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को निमंत्रण नहीं दिए जाने को लेकर सरकार पर हमला बोला था। मल्लिकार्जुन खरगे ने एक के बाद एक 4 ट्वीट कर सरकार को घेरा और कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार दलित और जनजातीय समुदायों से राष्ट्रपति केवल चुनावी वजहों से बनाती है। खरगे ने कहा कि जब शिलान्यास हुआ था तब तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को निमंत्रण नहीं दिया गया था। अब उद्घाटन के कार्यक्रम में द्रौपदी मुर्मू को निमंत्रण नहीं दिया गया है।

आपको बती दें मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की प्रथम नागरिक हैं। वह अकेले सरकार और विपक्ष के साथ ही हर नागरिक का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति करतीं तो ये लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सरकार के कमिटमेंट का प्रतीक होता। वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दलित समाज पूछ रहा है कि क्या उन्हें अशुभ मानते हैं, इसलिए नहीं बुलाते? आम आदमी पार्टी के स्तर पर भी इस मामले में बीजेपी और मोदी सरकार पर सवाल दागे गए हैं।

CM केजरीवाल ने मोदी सरकार पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अपमान का आरोप भी लगाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि राम मंदिर के शिलान्यास पर भी तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया था। न ही नई संसद के शिलान्यास कार्यक्रम में ही उन्हें बुलाया गया।वहीं, नए संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों से नहीं करवाया जा रहा है।

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