राम हैं राम हैं राम हैं मेरे रघुवर का सजता अवध धाम है

राम कथा पंडाल में एक शाम श्री राम जी के नाम कवि सम्मेलन

सिकंदराराऊ।
बढ़ानू में राम कथा पंडाल में आयोजित एक शाम श्री राम जी के नाम कवि सम्मेलन में कवियों ने सामाजिक बुराइयों पर कटाक्ष, देशभक्ति एवं हास्य की उत्कृष्ट रचनाओं से रात भर श्रोताओं को बांधे रखा। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पंचायत सदस्य उमाशंकर गुप्ता , विशिष्ट अतिथि डॉ अरविंद भारद्वाजग्राम प्रधान  ढालसिंह एवं कथा आचार्य श्री विजय कुमार शास्त्रीकार्यक्रम अध्यक्ष  रवेन्द्र सिंह मास्टर द्वारा भगवान राम के छविचित्र पर पुष्पार्चन कर किया ।
कुमारी उन्नति भारद्वाज की सरस्वती वंदना के पश्चात


मोंठ झांसी से पधारे कवि श्री राम नरेश रमन ने पढ़ा – जीव जगत जो भटक गया है उसको राह दिखाते राम।                                                                        पावन प्रेम पुरातन प्रभु से जब जागे तब आते राम।

वहीं एटा से पधारे कवि श्री बलराम सरस ने पढ़ा – पिंजड़े से तो जीती मैना, खुले गगन से हार गई ।                                                                               चकाचौंध के बाजारों की तृष्णा उसको मर गई।
कवयित्री गीत सिंह गीत ने पढ़ा- भरोसा है हमें इकदिन विरह का अंत आएगा।
                                      लिए खुशबू मोहब्बत की हमारा कंत आएगा

आगरा से पधारे कवि श्री हीरेंद्र नरवार ने पढ़ा-

गैरों की बातों में घर को तोड़ेगा फिर घूमेगा कोर्ट कचहरी थानों में।
भरतपुर राजस्थान के युवाकवि ने पढ़ा –

इस मोबाइल की सैटिंग में या व्हाट्सएप की चैटिंग में टिंकू है बेचैन मोते कब बतरावैगी।
वहीं कुमारी उन्नति भारद्वाज ने कहा- राम हैं राम हैं राम हैं राम हैं मेरे रघुवर का सजता अवध धाम है ।
कवि डाॅ दत्तात्रेय ने पढ़ा –जीवन बदलने के लिए कुछ लक्ष्य चाहिए।
विवेक शील राघव ने पढ़ा- प्रीत सच्ची है तो घनश्याम चले आएंगे। भाव की भूंख में प्रभु राम चले आएंगे।
टूंडला के कवि राम राहुल ने खूब हंसाया और संचालन किया ।
देवेन्द्र दीक्षित शूल ने पढ़ा- काम करें बूढ़े पिता सोवें श्रवण कुमार। चिंतित है मां भारती कैसे हो उद्धार ।
प्रमोद विषधर ने अपनी रचनाओं से खूब तालियां बटोरीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मास्टर रविंद्र सिंह चौहान ने की श्री सत्य प्रकाश चौहान, श्री कालीचरण शर्मा, श्री राधे श्याम दीक्षित, कुंवर पाल सिंह चौहान, पूर्व प्रधान बॉबी सिंह बघेल ,अवधेश पुढीर, मनोज परमार व प्रदीप चौहान ने कवियों का सम्मान किया

इस अवसर पर माधव सिंह चौहान ,अनुराग दीक्षित शीलेश कुमार ,पवन प्रताप ,सत्यभान सिंह, बबलू चौहान एवं सैकड़ो पुरुषों व महिलाओं ने काव्य रसपान किया