गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
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मुझे लगता है डर हो सकती है मेरी हत्या: अतीक अहमद

सोलह दिनों के भीतर अतीक अहमद एक बार फिर साबरमती जेल से प्रयागराज ले जाया जा रहा है। प्रयागराज पुलिस अपने साथ उन्हीं गाड़ियों को लेकर पहुंची है, जो पिछली बार लेकर आई थी। कई घंटों की कागजी कार्रवाई के बाद अतीक को साबरमती जेल से बाहर निकाला गया है। जेल से बाहर आते ही अतीक को फिर से एनकाउंटर का डर सताने लगा और उसने कहा कि ये मुझे मारना चाहते हैं। अतीक अहमद को इस बार काफी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाया जा रहा है। पुलिस वैन में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। उसे बॉयोमैट्रिक लॉक वाले पुलिस वैन में रखा गया है, जिसका एक्सेस कुछ ही पुलिसकर्मियों को दिया गया है। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों को बॉडी वोर्न कैमरा पहनाया गया है। कई जवान बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर मुस्तैद है। एक बार फिर उमेश पाल हत्याकांड के मास्टरमाइंड की आंखों में खौफ दिखाई दे रहा है और जुबां पर दहशत। जैसा पिछली बार दिखा था। अतीक ने जेल से निकलते ही कहा था कि कोर्ट के कंधे पर रखकर मुझे मारना चाहते हैं।

इस बार भी अतीक अहमद को उसी रूट से लाया जा रहा है। अतीक पर उमेश पाल मर्डर केस में भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है। लिहाजा यूपी पुलिस वारंट बी लेकर प्रयागराज से और 30 कॉन्स्टेबल मौजूद हैं। इसके अलावा एक जीप और दो बंदी रक्षक वाहन भी भेजा गया है। पिछली बार अतीक को उमेश पाल अपहरण कांड में पेशी के लिए प्रयागराज ले जाया गया था। MP-MLA कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अब अतीक पर उमेश पाल मर्डर केस में भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है। लिहाजा यूपी पुलिस वारंट बी लेकर प्रयागराज से साबरमती जेल पहुंची है। वारंट बी का मतलब है-ट्रांसफर वारंट।अतीक अहमद को प्रयागराज पुलिस उमेश पाल हत्याकांड में अब आरोपी बना चुकी है। उसी का कोर्ट से जारी वारंट-बी लेकर प्रयागराज पुलिस साबरमती जेल गई है। किसी भी जेल में बंद व्यक्ति को जब वारंट बी यानी आरोपी बनाकर कोर्ट में पेश करना हो तो आरोपी को कोर्ट में लाना पड़ता है। अतीक अहमद को भी मर्डर केस में कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके बाद पुलिस रिमांड मांगेगी।

उमेशपाल हत्याकांड में पुलिस ने अबतक दो बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। वहीं, दूसरे बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है। पुलिस के मुताबिक, अतीक के भाई अशरफ ने बरेली जेल से वारदात को अंजाम देने की साजिश रची। इसके लिए अशरफ ने बरेली जेल में बदमाशों के साथ एक मीटिंग भी की थी।
यह मीटिंग बीते 11 फरवरी को हुई थी। पुलिस अतीक के बेटे असद की भी तलाश कर रही है, लेकिन अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है पता चला है कि हत्याकांड के बाद से ही अतीक का बेटा असद यूपी पुलिस की आंखों में लगातार धूल झोंक रहा है। हत्याकांड के दिन यानी 24 फरवरी को लखनऊ में असद के एटीएम से उसके दोस्त ने पैसा निकाला
असद ने अपना आईफोन लखनऊ के फ्लैट में छोड़ दिया ताकि लोकेशन के लिहाज से पुलिस को गुमराह किया जा सके। पुलिस ने असद के उस दोस्त को हैदराबाद से पकड़ा तब उसकी इस चालाकी का पर्दाफाश हुआ। इसके साथ ही असद के दिल्ली में छिपने की जानकारी सामने आई है। उसके तीन मददगारों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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