– संयुक्त जिला चिकित्सालय पहुंच भर्ती मरीजों का जाना हाल
– घटनास्थल का दौरा करने के उपरांत रिजर्व पुलिस लाइन ऑफिस में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की
– दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की ओर से एक लाख रूपये तथा मृतकों के परिवारीजनों को चार-चार लाख रूपये की सहयता राशि के रूप में दिये जायेगें।
हाथरस 03 जुलाई, 2024।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने जिला हाथरस की तहसील सिकंदराराऊ में मंगलवार 02 जुलाई को सत्संग के दौरान मची भगदड में घायल व्यक्तियों का बागला संयुक्त चिकित्सालय में पहुँचकर हाल-चाल जाना। मा0 मुख मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आकस्मिक दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के इलाज में किसी प्रकार की कोई कोर कसर नहीं रहनी चाहिए। घायलों से मुलाकात के उपरांत मा0 मुख्यमंत्री जी ने तहसील सिकंदराराऊ के घटना स्थल फुलरई मुगलगढ़ी पहुंचकर घटना स्थल निरीक्षण भी किया।
मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा अस्पताल में घायलों का हाल-चाल जानने एवं घटनास्थल का दौरा करने के उपरांत
रिजर्व पुलिस लाइन हाथरस अधिकारियों के साथ बैठक करने के उपरांत संवाददाताओं से प्रेस वार्ता की।
मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता की
प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री योगी जी ने कहा कि जो घटना हुई है वह अत्यन्त दुखद और दर्दनाक है। इस पूरी घटना की तह तक जाने के लिये शासन स्तर से कमेटी गठित की गई है, उन्होने कहा कि प्रथम दृष्टया पहले राहत और बचाव कार्य को आगे बढाया जायेे। जो हादसा हुआ है उसमें 121 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है जिसमें उ0प्र0 के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी श्रद्धालु जुड़े हुए थे। उ0प्र0 में हाथरस, बदायूँ, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, शाहजहांपुर, आगरा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, मथुरा, औरैया, बुलंदशहर, पीलीभीत, सम्भल और लखीमपुरखीरी सहित 16 जनपदों के भी कुछ श्रद्धालुजन सत्संग में शामिल थे जो इस हादसे के शिकार हुये हैं। 121 मृतकों में से 6 मृतक ऐसे थे जो अन्य राज्यों से थे। जिनमें एक ग्वालियर मध्यप्रदेश, एक हरियाणा और चार राजस्थान से थे। 31 ऐसे घायल हैं जिनका हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा के हास्पीटल में जिनका उपचार चल रहा है और वह सभी खतरे से बाहर हैं।
हादसे के चश्मदीद भी इस घटना के शिकार हुये जो गंभीर रूप से घायल हुये थे, उनसे वार्ता करने पर बताया कि हादसा कार्यक्रम के उपरांत जब इस कार्यक्रम में जो सज्जन वहां पर अपना उपदेश देने के लिये आये थे, उनका कार्यक्रम सम्पन्न हुआ तो मंच से उतरने के बाद जी0टी0 रोड पर जैसे ही उनका काफिला आया तो उन्हें छूने के लिये महिलाओं का एक दल उनकी ओर बढ़ा तो उनके पीछे-पीछे भीड़ भी गई। इसी के बाद वे एक-दूसरे ऊपर चढ़ते गये जिसकी वजह से ऐसा हादसा हुआ। सेवादार भी लोगों को धक्का देते रहे, जिसके कारण जी0टी0 रोड के दोनों ओर जी0टी0 रोड के अंदर भी ऐसा हादसा वहां पर होता हुआ दिखाई दिया। इसका सबसे दुखद पहलु ये था कि इस प्रकार के आयोजन में सेवादार प्रशासन को अंदर घुसने नहीं देते। दुर्घटना होने के तत्काल बाद प्रारम्भिक रूप में पहले वहां पर मामले को दबाने का प्रयास किया। लेकिन जब उन्हें प्रशासन ने अस्पताल ले जाने की कार्यवाही की तो ज्यादातर सेवादार वहां से भाग गये। इस पूरे घटनाक्रम के लिये हम लोगों ने ए0डी0जी0 आगरा की अध्यक्षता में एक एस0आई0टी0 टीम गठित की है, जिसने अपनी प्रारम्भिक रिपोर्ट दी और इस घटना की तह तक जाने के लिये उनसे कहा गया है, जिनपर जाँच होनी बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रथमदृष्टया हमारी कार्यवाही यह है कि राहत और बचावकार्य को आगे बढ़ाने के बाद आयोजकों को पूछताछ के लिये बुलाना, घटना के बारे में हादसे के कारणों के बारे में उनसे पूछताछ करना। घटना की लापरवाही और जिम्मेदारों की जबावदेही भी तय करना जिसकी पहले ही एफ0आई0आर0 दर्ज हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बात को किसी भी प्रकार से नकार नहीं सकते कि इस प्रकार की घटना केवल एक हादसा नहीं होता, अगर हादसा भी हो तो उसके पीछे कौन जिम्मेदार है, और अगर वह घटना घटित हुई है तो इसके पीछे साजिश किसकी है, कौन इसके पीछे है। इन सभी पहलुओं को लेकर राज्य सरकार ने तय किया है कि इन सब पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता ज्यूडिसियल जाँच भी कराई जायेगी। जिसमें प्रशासन और पुलिस के भी रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों को रखकर इस पूरी घटना की जाँच तह तक की जायेगी। जो भी इसके लिये दोषी होगा उन्हें इसकी सजा दी जायेगी और इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो। इनके बारे में एक सुझाव और एस0ओ0पी0 भी उनके माध्यम से बनाई जायेगी। जिससे आगे इस प्रकार के किसी भी बड़े आयोजन में लागू किया जा सके। मा0 मुख्यमंत्री जी के द्वारा हाथरस और सि0राऊ के घटना स्थल का दौरा किया गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पहले से इसके मैप भी बनाके तैयार किये और भेजे भी थे। जिससे कि हादसे के कारणों की प्रारम्भिक जाँच की जा सके, उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी यहां पर कल से ही कैम्प कर रहे हैं। इस पूरी घटना के लिये जिम्मेदारों की जबावदेही भी तय करने की दिशा में आगे कार्यवाही की जा रही है, जिसमें कुछ विशेष दल बनाये गये हैं जिनमें अलग-अलग जनपदों मे उनकी कार्यवाही प्रारम्भ होगी, और प्रारम्भिक जांच के बाद आगे की कार्यवाही को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। ज्यूडिसियल जाँच के बारे में आज ही इसके नोटिफिकेशन शासन द्वारा जारी हो जायेगी। दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की ओर से एक लाख रूपये तथा मृतकों के परिवारीजनों को चार-चार लाख रूपये की सहयता राशि के रूप में दिये जायेगें।
इस अवसर पर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, सांसद अनूप वाल्मीकि, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय, विधायक सदर अंजुला सिंह माहौर, विधायक सिकंदराराऊ वीरेंद्र सिंह राणा,पूर्व विधायक हरिशंकर माहौर, जिला अध्यक्ष शरद महेश्वरी, एमएलसी ऋषिपाल सिंह, पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी आरपी सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव सूचना संजय प्रसाद, आई0जी0 अलीगढ़ शलभ माथुर, आयुक्त अलीगढ़ मण्डल चैत्रा वी0, जिलाधिकारी आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल एवं अन्य जनप्रतिनिधगण अधिकारी मौजूद रहे।