गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
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बॉम्बे हाई कोर्ट से Sameer Wankhede को मिली बड़ी राहत

बॉम्बे हाई कोर्ट: बॉम्बे हाई कोर्ट से एनसीबी मुंबई के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े को बड़ी राहत मिली गई है। सीबीआई की ओर से दर्ज किए गए जबरन वसूली और रिश्वतखोरी के मामले में कोर्ट ने अब उनके गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण को 23 जून तक बढ़ा दिया है। आरोपों के मुताबिक वानखेड़े और चार अन्य ने अक्टूबर 2021 में एक क्रूज जहाज से ड्रग्स की कथित जब्ती के बाद शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को फंसाने के लिए अभिनेता से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी।

 

अदालत ने कही यह बात

न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति एस जी दिगे की खंडपीठ ने इस केस पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी को रद्द करने की वानखेड़े की याचिका पर 23 जून को सुनवाई करेगी। वानखेड़े के वकील आबाद पोंडा ने उच्च न्यायालय को बताया कि अदालत के पहले के निर्देश के अनुसार, भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी सात बार पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने पेश हुए हैं साथ ही वह जांच में सहयोग भी कर रहे हैं। सीबीआई के वकील कुलदीप पाटिल ने अदालत को बताया कि मामले की जांच महत्वपूर्ण चरण में है। इसके बाद पीठ ने कहा कि वह वानखेड़े की याचिका पर 23 जून को सुनवाई करेगी। अदालत ने कहा, “दी गई अंतरिम राहत को अगली तारीख तक बढ़ा दिया गया है।”

 

सीबीआई ने पिछले हफ्ते दायर किया था हलफनामा

बता दें कि वानखेड़े ने मामले को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले महीने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और किसी भी कठोर कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा की भी मांग की थी। उच्च न्यायालय की एक अवकाश पीठ ने तब वानखेड़े को आठ जून तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था और उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया था। सीबीआई ने पिछले हफ्ते दायर अपने हलफनामे में अंतरिम सुरक्षा वापस लेने की मांग करते हुए कहा था कि वानखेड़े के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। मामले में वानखेड़े और अन्य आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता और रिश्वतखोरी से संबंधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आपराधिक साजिश और जबरन वसूली की धमकी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

 

यह है पूरा मामला

गौरतलब है कि आर्यन खान और कई अन्य लोगों को अक्टूबर 2021 में ड्रग्स रखने, इस्तेमाल करने और तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में, तीन सप्ताह जेल में बिताने के बाद आर्यन को उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बाद में अपनी चार्जशीट दायर की, लेकिन सबूतों की कमी का हवाला देते हुए मामले में आरोपी के रूप में आर्यन का नाम नहीं लिया। इसके बाद  एंटी-ड्रग्स एजेंसी ने मामले की जांच करने के लिए अपने ही अधिकारियों के खिलाफ एक विशेष जांच दल का गठन किया था।

 

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