गुरूवार, दिसम्बर 26, 2024
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प्रयागराज में चल रहे खूनी खेल के बीच, तीन मांओं के दर्द को कौन समझेगा?

शांति देवी जिनके बेटे उमेश पाल ने उनकी गोद में दम तोड़ा. गोलियों से छलनी उमेश पाल जब जान बचाने के लिए घर में घुसते हैं तो शांति ने उनको अपनी गोद में भर लिया. वो अपने बेटे के शरीर में लगी गोलियों के घाव सहला रही थीं. उनका बेटा उमेश कराह रहा था. उमेश के आखिरी शब्द थे, ‘अम्मा इन लोगों ने हमको मार डाला.

शाइस्ता इस समय फरार हैं. एक मां के नजरिए से देखें तो 3 दिन के अंदर ही उसने अपने बेटे और पति को खो दिया. शाइस्ता पर कई आरोप हैं. इस दुनिया में उससे बड़ा बदनसीब शायद ही कोई होगा जो न तो अपने बेटे को रुखसत कर पाई और न पति को. उसके एक बेटा जेल में है. दो नाबालिग भी पुलिस की देखरेख में हैं. शाइस्ता सरेंडर क्यों नहीं कर रही हैं उमेश पाल की हत्या में उनका कितना रोल है ये सभी जांच का हिस्सा हैं. लेकिन इस खूनी खेल में शाइस्ता ने जो खोया है ये एक मां और पत्नी ही समझ सकती है.

उधर बांदा में आशा देवी को विश्वास नहीं हो रहा है कि अतीक अहमद पर गोलियां बरसाने वालों में उसका बेटा लवलेश भी शामिल है. आशा को लगता है कि उनका बेटा धार्मिक है, मंदिर जाता है, वो ऐसा नहीं कर सकता है. लेकिन सामने आए वीडियो को कोई कैसे नकार सकता है. बेटा सलाखों में है. तरह-तरह की बातें हो रही हैं. अंजाम सोचकर मां आशा के आंखों से आंसू थम नहीं रहे हैं.

इस खूनी खेल में अब तक इन महिलाओं के हिस्से सिर्फ बेबसी, लाचारी और सब कुछ खो देना ही हिस्से में आया है. शांति ने बुढ़ापे में बेटा खो दिया, शाइस्ता का पूरा घर बर्बाद हो गया और आशा देवी का बेटा अब हत्यारा बन चुका है.

मेरा बेटा आखिरी सांस तक शेर की तरह लड़ता रहा

उमेश पाल की 70 साल की मां शांति देवी प्रयागराज में रहती हैं. शांति पाल उमेश के आखिरी पलों को याद करते हुए कहती हैं कि उनका बेटा अपनी आखिरी सांस तक शेर की तरह लड़ता रहा. उन्होंने कहा, ‘जब अतीक अहमद को लगा कि वह बच नहीं पाएगा तो उसने मेरे बेटे का अपहरण कर लिया था और अब 17 साल बाद हत्या करा दी. असद के एनकाउंटर के बाद उमेश पाल की मां का बयान आया. उमेश पाल की मां ने कहा कि हम लंबे समय से एनकाउंटर की मांग कर रहे थे, लेकिन ये करना हमारे हाथ में नहीं था. असद के एनकाउंटर के बाद मेरे बेटे की आत्मा को थोड़ी श्रद्धांजलि मिलेगी.

24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद शांति देवी ने मीडिया को बताया था कि बेटे के जाने के बाद उन्हें  परिवार की सुरक्षा की चिंता है. वो सीएम से मिलकर इस मुद्दे पर बात करना चाहती हैं. शांति पाल ने उमेश पाल की पत्नी के लिए आर्थिक मदद की गुहार भी लगाई थी.  उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की अदालत ने 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद को ‘कठोर’ आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद मां शांति पाल  ने असंतोष व्यक्त किया था. शांति देवी बार बार अपने बेटे के हत्यारों की मौत की सजा की मांग करती रहीं. शांति पाल ने मीडिया से ये भी कहा कि अतीक अहमद को आजीवन कारावास की जगह मौत की सजा दी जानी चाहिए.

शाइस्ता परवीन ने खोया अपने बेटे और पति

माफिया अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर के बाद असद की मां शाइस्ता परवीन बेटे को आखिरी बार देखना चाहती थी. लेकिन एक मां होने के नाते ये उसकी बदकिस्मती ही कहेंगे कि वो ऐसा नहीं कर पाई. पहले खबरें थी कि शाइस्ता परवीन अपने बेटे के जनाजे में शामिल हो सकती हैं. शाइस्ता परवीन उमेश पाल के मर्डर में आरोपी जरूर थीं, वो फरार भी चल रही है, लेकिन एक मां की हैसियत से शाइस्ता के लिए असद को आखिरी बार न देख पाना उन्हे अंदर ही अंदर कचोट जरूर रहा होगा.

असद की मां शाइस्ता परवीन हमेशा पर्दे में रहती हैं. पुलिस को ये उम्मीद थी बेटे के जनाजे को देखकर शायद ही शाइस्ता खुद को रोक पाती और वो बेटे के जनाजे से लिपट कर रो पड़ती. इसलिए पुलिस ने सिविल ड्रेस में कुछ महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की थी ताकि महिलाओं की भीड़ के बीच जाकर महिला पुलिसकर्मी आसानी से शाइस्ता परवीन की पहचान कर सकें.

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो उमेश पाल की हत्याकांड में असद के शामिल होने पर शाइस्ता ने अतीक से झगड़ा भी किया था. जिस पर अतीक ने कहा था कि वो शेर है. ऐसा लगता है कि आम महिला की तरह शाइस्ता भी पति अतीक की सनक के आगे मजबूर थीं और जिसका नतीजा वो अब जिंदगी भर भुगतेंगी.

 

लवलेश की मां आशा देवी ने कहा ऐसा नहीं था मेरा बेटा

लवलेश की मां आशा देवी ने कहा माफिया अतीक अहमद और अशरफ को गोली मारकर मौत के घाट उतारने में गिरफ्तार लवलेश तिवारी की मां आशा देवी के रुंधे गले और लगातार बहते आंसू एक मां की लाचारी को चीख-चीख कर बयान कर रहे थे. लवलेश की मां के लिए ये यकीन करना भी मुश्किल हो रहा था कि उनका 22 साल का बेटा हत्यारा कैसे हो सकता है. मां आशा तिवारी ने रोते हुए मीडिया को ये बताया कि पता नहीं उसके (लवलेश के ) नसीब में क्या लिखा था. वह बेहद धार्मिक था और दर्शन के लिए नियमित रूप से मंदिरों में जाता था.

मीडिया से बातचीत में ये साफ पता चलता है कि लवलेश की मां को इस बात गम है कि जब से उनका बेटा घर से निकला है, उसने बात तक नहीं की है. आशा देवी ने मीडिया को बताया कि हमने बात करने की कोशिश की लेकिन उसका फोन भी स्विच ऑफ था.

लवलेश की मां को जैसे ही भनक लगी कि उनका बेटा अतीक-अशरफ हत्याकांड का आरोपी है, तब से मां का रो-रोकर हाल बेहाल है. लवलेश की मां के आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. यकीनन ही दुनिया भर की मांओं की तरह लवलेश की मां को भी अपने बेटे से हजारों उम्मीदें होंगी. लेकिन बेटा अपराधी बन चुका है. मां आशा देवी का दिल मानने के तैयार नहीं है. सलाखों में उसके बेटे के साथ क्या हो रहा होगा ये सोचकर ही उनका दिल कांप जाता है. जाहिर है मां तो सिर्फ मां ही है.

गुलाम की मां बेटे का शव लेने से किया इनकार

गुलाम की मां बेटे का शव लेने से कर इनकार चुकी हैं. आपको बता दें कि एनकाउंटर में मारे गए उमेश पाल के हत्यारे गुलाम मोहम्मद का शव लेने से उसकी मां ने इनकार कर दिया.  गुलाम की मां ने कहा है कि पुलिस ने जो एक्शन उनके बेटे के खिलाफ लिया है वो पूरी तरह से सही है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि वो लोग जो बुरा या गलत काम करते हैं उन्हें इस एनकाउंटर से जिंदगी भर सबक मिलेगा. वहीं उन्होंने ये भी कहा है कि वो किसी भी हाल में गुलाम का शव नहीं लेंगी.

उमेश पाल की हत्याकांड से लेकर अब तक 8 लोगों की लाशें गिर चुकी हैं. जिसमें अरबाज, उस्मान, गुलाम, असद, अतीक और अशरफ शामिल हैं. इसके साथ ही उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात  पुलिसकर्मी संदीप की भी इलाज के दौरान मौत हुई है.

 

 

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