उत्तर प्रदेश के पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय का आगरा स्थित उनके आवास पर रात्रि 10 बजे निधन हो गया। इस दुखद खबर के बाद उनके समर्थकों में शोक की लहर छाई है। रामवीर उपाध्याय हाथरस जिले की सादाबाद विधानसभा के ग्राम बामौली के रहने वाले थे।
राजनीतिक सफर
1996 से रामवीर उपाध्याय लगातार विधायक रहे हैं, हाथरस जनपद में भाजपा से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले रामवीर उपाध्याय ने तीन दशक पहले टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर पार्टी छोड़ी थी। 25 वर्ष तक बसपा में रहने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे । बसपा में रामवीर उपाध्याय कद्दावर नेता थे और उन्होंने कई बार मंत्री और अन्य पदों पर रहकर राजनीति के अर्श को छुआ था। हाथरस की राजनीति में रामवीर का नाम बड़े नेता के रूप में हमेशा से रहा है। राम मंदिर आंदोलन के दौरान रामवीर उपाध्याय भाजपा में थे। उभरते हुए नेता के रूप में उन्होंने वर्ष 1993 में हाथरस सदर सीट से भाजपा से टिकट के लिए दावेदार की, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दी।
1996, सितम्बर- अक्टूबर: तेरहवीं विधान सभा के सदस्य प्रथम बार निर्वाचित
1997, मार्च: मंत्री, परिवहन एवं ऊर्जा (सुश्री मायावती मंत्रिमण्डल)
1997, सितम्बर: मंत्री, परिवहन एवं ऊर्जा (श्री कल्याण सिंह मंत्रिमण्डल)
2002, फरवरी: चौदहवीं विधान सभा के सदस्य दूसरी बार निर्वाचित
2002, मई: मंत्री, ऊर्जा एवं चिकित्सा शिक्षा (सुश्री मायावती मंत्रिमण्डल)
2002-2003: सदस्य, नियम समिति
2007, अप्रैल-मई: पन्द्रहवीं विधान सभा के सदस्य तीसरी बार निर्वाचित
2007, मई: मंत्री, ऊर्जा (सुश्री मायावती मंत्रिमण्डल)
2012, मार्च: सोलहवीं विधान सभा के सदस्य चौथी बार निर्वाचित
2012, मार्च: मुख्य सचेतक, बहुजन समाज पार्टी विधान मण्डल दल
2012-13: सदस्य, कार्य मंत्रणा समिति
2016-17: सदस्य, लोक लेखा समिति
2017, मार्च: सत्रहवीं विधान सभा के सदस्य पांचवीं बार निर्वाचित
इस बार हार गए थे चुनाव
जनपद हाथरस की सादाबाद सीट से भाजपा प्रत्याशी रामवीर उपाध्याय इस बार चुनाव हार गए थे। वे 25 वर्ष से निरंतर विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे थे। मगर इस बार उनको हार का सामना करना पड़ा था।