दिल्ली में बिजली की कीमतों में 10 फीसदी का इजाफा हो सकता है। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की कीमत बढ़ाने की इजाजत दे दी है।
आपको बता दें कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग की ओर से बिजली की दरों में बढोतरी को लेकर दिल्ली सरकार का बयान सामने आया है कि दिल्ली सरकार के मुताबिक इस बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दिल्ली सरकार का कहना है कि पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत बिजली की कीमतें घटती-बढ़ती रहती है. दिल्ली सरकार ने ये भी कहा कि ठंड में बिजली सस्ती हो जाती है जबकि गर्मी में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी हो जाती है। हर तिमाही समीक्षा में पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत कीमतों में मामूली तौर पर बढ़ोतरी या घटोत्तरी होती रहती है।
कोयले और गैस की कीमतों पर निर्भर करता है बिजली का दाम
दिल्ली सरकार ने अपने बयान में बताया है कि हर तिमाही में समीक्षा के दौरान बिजली की कीमत घटाई या बढ़ाई जाती है. इससे ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह एक सामान्य तिमाही समीक्षा प्रक्रिया है। बिजली का दाम कोयले और गैस के किमतों पर निर्भर करता है। इसके साथ रिलायंस एनर्जी की कंपनी बॅाम्बे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई ने दिल्ली में बिजली की खरीद को लेकर डीईआरसी के सामने अर्जी लगाई था.
दिल्ली सरकार ने रेट बढ़ाने के दी इजाजत
दिल्ली बिजली आयोग ने बीएसईएस की अर्जी को मंजूरी देते हुए पावर परचेज एग्रीमेंट के आधार पर दर बढ़ाने की इजाजत दे दी है. क्योंकि इस पर दिल्ली सरकार को अंतिम फैसला लेना था कि ये बिजली की बढ़ी हुई कीमतें उपभोक्ताओं के बिल में शामिल होगाी या नहीं. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने अपने बयान में कहा कि इस बढ़ोतरी का असर ग्राहकों पर सीधे नहीं पडे़गा…. बताया जा रहा है कि बिजली की कीमत के इस नए टैरिफ के पीछे बड़ा कारण सौर उर्जा है. क्योंकि सौर उर्जा से ही बिजली का उत्पादन होता है. इसलिए बिजली कंपनिया सौर उर्जा से बिजली की खरीद कर इसकी आपूर्ती करेगी.इससे पहले भी जब पॅावर परचेज एग्रीमेंट की दर बढ़ी है तो दिल्ली सरकार ने इसका खर्च बिजली कंपनियों को खुद ही उठाने को कहा था.. इससे लोगों के बिलों में कोई अंतर नहीं आया था.