दिल्ली के अधिकारों की लड़ाई: दिल्ली की केजरीवाल सरकार के अधिकारों की लड़ाई बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में शनिवार यानी 27 मई को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग होने वाली है। इस मीटिंग में सभी मुख्यमंत्रियों को शामिल होना है। लेकिन केजरीवाल सहित तीन मुख्यमंत्रियों ने इस मीटिंग का बॉयकॉट कर दिया है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव होगें।
मामला दरअसल, दिल्ली सरकार के अधिकारों का है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों दिल्ली की चुनी हुई सरकार को कई अधिकार दे दिए थे। कहा था कि भूमि और क़ानून व्यवस्था को छोड़ सभी मामलों में एलजी यानी ( उप राज्यपाल) को दिल्ली सरकार की सलाह पर काम करना होगा। इस आदेश के बाद पुलिस छोड़ बाक़ी तमाम अफ़सर दिल्ली सरकार के अधीन आ गए थे।
दिल्ली सरकार की यह ख़ुशी ज़्यादा दिन नहीं टिक पाई। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ ही दिनों बाद एक अध्यादेश के ज़रिए कोर्ट का फ़ैसला पलट दिया। वापस सारी शक्तियाँ पहले की तरह एलजी के पास वापस आ गई।
हालाँकि केजरीवाल इस अध्यादेश के विरुद्ध तमाम विपक्षी दलों से मिलकर उनका समर्थन जुटाने में भी लग गए हैं। विपक्षी दलों से वे सहयोग माँग रहे हैं। कि यह अध्यादेश जब संसद में पारित होने के लिए आए तो उसका समर्थन न करें, बल्कि विरोध करें । ताकि कोर्ट का सम्मान बचा रहे और हमें एक चुनी हुई सरकार के रूप में संवैधानिक दृष्टि से पूरे अधिकार मिल सकें