हाथरस।
नगर सिकन्दराराऊ के कासगंज रोड स्थित ममता फार्म हाउस में चल रहीं कथा के पांचवे दिन कन्हैया जी की बाल लीलाओं का बड़ा ही मनोहारी वर्णन किया गया तेरी मंद मंद मुस्कानिया पर बलिहारी लाला जु भजन पर भक्त जमकर थिरकते दिखे।
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व्यास जी पंडित सुभाष दीक्षित ने बताया कि कैलाश पर्वत से चल कर भोलेबाबा एक बाबा के भेष में स्वयं कन्हैया जी के दर्शन को आए, कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म वासुदेव और देवकी के गर्भ से कारगार में हुआ था।
वासुदेव ने श्री कृष्ण को गोकुल में यशोदा के यहां दे दिया था, जहां यशोदा ने अपने लल्ला कान्हा को बड़े ही लाड़ प्यार से पाला. भगवान श्री कृष्ण बचपन से ही नटखट थे। जितना यशोदा मैया और नंद लाला उनके नटखट अंदाज से परेशान थे, उतना ही वहां के गांव वाले भी कृष्ण जी अपने मित्रों के साथ मिलकर गांव वालों का माखन चुरा कर खा जाते थे, जिसके बाद गांव वाले उनकी शिकायत मैया यशोदा के पास लेकर पहुंच जाते थे। इस वजह से उन्हें अपनी मैया से डांट भी खानी पड़ती थी ,बड़ी मनमोहक झकियों की प्रस्तुति हुई, नंदलाला की बाल लीलाओं के साथ राक्षसों के वध,
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