क्या TMC कांग्रेस से बनाएगी दूरी?

लोकसभा चुनाव 2024 की बड़ी लड़ाई से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) शुक्रवार यानी 21 जुलाई को अपना आखिरी ‘शहीद दिवस’ आयोजित करेगी। इसलिए सारा ध्यान उस संदेश पर होगा जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस को दे सकती हैं।

ऐसे में सवाल ये है कि क्या ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव के लिए देश के सबसे पुरानी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के साथ किसी भी प्रकार के बातचीत करने से इनकार करेंगी। जैसा कि वो पिछले कुछ महीनों से करती आ रही हैं। या फिर कांग्रेस को दोस्ती का संदेश देंगी या पूरी तरह से कांग्रेस का नाम लेने से परहेज करेंगी। 

सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल के एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अच्छी तरह से जानती हैं कि कहां, कब और क्या बोलना है, और कब चुप रहना है। उन्होंने कहा कि चाहे वो कुछ बोलें या चुप रहे, यह निश्चित रूप से संकेत देगा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-तृणमूल समीकरण आने वाले दिनों में किस ओर जाएगा।

 पश्चिम बंगाल के राजनीतिक पर्यवेक्षक ने बताया कि शहीद दिवस रैली ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हो रही है,जब ममता बनर्जी कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ एक मंच पर आए हैं। इसके साथ उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के साथ एक मंच साझा करने को लेकर कांग्रेस के पश्चिम बंगाल नेतृत्व के बीच असंतोष की आवाजें उठ रही हैं। 

क्या ममता बनर्जी राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए देंगी संदेश?


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी के राज्य नेताओं ने अपने राष्ट्रीय नेताओं के ममता बनर्जी के साथ मंच साझा करने के औचित्य पर सवाल उठाया है। साथ ही उनकी अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हमलों का सामना करना पड़ा है।

ऐसे में देखना ये होगा कि अगर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी मंच से कोई संदेश देंगी।तो क्या वह सिर्फ कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए ही देंगी, या फिर राज्य नेतृत्व को भी देंगी।