छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिरी में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। जिसको लेकर राज्य में सियासी पारा बढ़ा हुआ है। उससे पहले एक संगठन के चुनावी मैदान में उतरने से बीजेपी और कांग्रेस के खेमों में घबराहट बढ़ सकती है। जानिए क्यों?
बता दें कि बीजेपी कांग्रेस समेत क्षेत्रीय दल भी अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल की AAP और राज्य के सर्व आदिवासी समाज ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। अब इसी को लेकर छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस की टेंशन बढ़ी हुई है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार है। राज्य में करीब 15 सालों के बाद पिछली बार बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ी थी। तो वही इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच सर्व आदिवासी समाज के आ जाने से कई उलटफेर की संभावना है। राज्य की विधानसभा में कुल 90 सीटें है। जिसमें पिछली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 68 सीटें और बीजेपी को 15 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि अन्य पार्टी को 7 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बार किस नेता पर सबसे ज्यादा नजर रहेगी।
सूत्रों के अनुसार साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने राज्य की कुल 50 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारने की घोषणा की है। पार्टी का कहना है कि वो वह उन सभी जगहों से चुनावी मैदान में उतरेगी। जो समाज के लिए रिजर्व है और जहां आदिवासी मतदाता सबसे अधिक है।
बताया जा रहा है कि राज्य में हुए 2018 के विधानसभा चुनाव में भी ऐसी ही स्थिति थी। उस समय मायावती की पार्टी बीएसपी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ दल के गठबंधन ने सारे चुनावी आकलन को धराशायी कर दिया था। बता दें कि चुनाव में इस गठबंधन को तो केवल सात सीटें मिली थी, लेकिन कई जगहों पर बीजेपी को इससे नुकसान भी उठाना पड़ा था। उस चुनाव में बीएसपी को दो और जेसीसी को सिर्फ 5 सीटें मिली थी।
किस नेताओं पर रहेगी नजर?
इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नजर भूपेश बघेल पर रहने वाली है। क्योंकि बघेल को पिछले चुनाव में मिली जबरदस्त जीत के बाद सीएम बनाया गया था। तो वहीं, इस बार भी कांग्रेस की ओर से उनके चेहरे पर ही चुनाव लड़ने की तैयारी है और दूसरे नंबर पर राज्य के पूर्व सीएम और बीजेपी के दिग्गज डॉ रमन सिंह आते हैं। लेकिन बीजेपी ने अभी तक इनके सीएम पद के चेहरे को लेकर कोई घोषणा नहीं की है। हालांकि अभी सबका ध्यान राज्य के एक मात्र पूर्व सीएम पर है।
साथ ही कांग्रेस के धाकर नेता टीएस सिंहदेव पर भी सबकी खास नजर रहने वाली है। कहा जाता है कि 2018 के चुनाव में इन्हीं के नेतृत्व में पार्टी का घोषणा पत्र बना था। आपको बता दें कि टीएस सिंहदेव वर्तमान में राज्य के उप मुख्यमंत्री है।