रविवार, सितम्बर 8, 2024
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काम, क्रोध, लोभ व मोह मानव के शत्रु के समान हैं

काम: संभव है। काम, क्रोध, लोभ व मोह मानव के शत्रु के समान हैं। इन पर काबू पाने से ही समाज में शांति और सौहार्द कायम रहेगा। उक्त बातें गांव जरेरा स्थित बाबा प्रभू दयाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा के रविवार को प्रवचन करते हुए आचार्य पंडित पुनीत पाठक शास्त्री ने कही। श्री पाठक ने कहा कि भक्त यदि भक्ति में एक कदम बढ़े तो भगवान चार कदम आगे बढ़कर उनका कष्ट दूर करते हैं। अगर मनुष्य के कथनी और करनी में समानता हो जाए तो भगवान उसके विनती को अवश्य सुनते हैं। प्रह्लाद की भक्ति भावना पर ही प्रभु ने नरसिंह रूप में अवतार लिया और उनकी रक्षा की। उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित ने कलयुग को मारा नहीं बल्कि रहने को चार जगह दी- मदिरालय, वेश्यालय, जुए के अड्डे और सोना। कलयुग इसी चार में वास करता है। गलत ढंग से कमाया हुआ सोना में कलयुग वास करता है। कथावाचिका ने कथा लाभ का जिक्र करते हुए कहा कि जहां पर कथा का आयोजन होता है । वह स्थान तीर्थ बन जाता है, वहां देवताओं का वास होता है। उन्होंने कहा कि कलयुग में भगवान का नाम मात्र से पापियों का पाप नष्ट हो जाता है।

इस दौरान समाजसेवी चेतन शर्मा, निखिल वर्ती पाठक तथा मयंक उपाध्याय ने पूजा अर्चना करके भागवताचार्य पुनीत पाठक शास्त्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।

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