रविवार, सितम्बर 8, 2024
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एनडीए बैठक से पहले चिराग पासवान ने रखी शर्त

बीजेपी ने चिराग पासवान को एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए न्योता भेजा है, जिस पर उन्होंने अभी तक अपना रूख साफ नहीं किया है।

आपको बता दें कि नीतिश कुमार के साथ छोड़ देने के बाद बीजेपी बिहार में साथी की तलाश में है। क्योंकि बीजेपी जानती है कि 2024 में अकेले जाना खतरनाक हो सकता है और देश के आम चुनाव में ये रिस्क उठाना ठीक नहीं है। यही वजह है कि बीजेपी ने पुराने साथी चिराग पासवान को 18 जुलाई को दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए न्योता भेजा है. लेकिन अभी तक चिराग ने कोई जवाब नहीं दिया है। इसी बीच खबर आ रही है कि चिराग पासवान ने बीजेपी के सामने मुश्किल शर्त रख दी है।

टाइम्स ऑफ इंडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चिराग पासवान ने अपनी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के लिए उन सभी 6 लोकसभा सीटों की मांग की है जिस पर 2019 के लोकसभा चुनाव अविभाजित एलजेपी ने जीत हासिल की थी। इसके साथ चिराग पासवान ने एलपीजी के नेता रहे दिवंगत राम विलाश पासवान के पास रही राज्यसभा सीट की भी मांग की है.

सूत्रों के अनुसार चिराग पासवान के दिल्ली रवाना होने से पहले रविवार यानी 16 जुलाई को पटना में पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ बैठक हुआ, जिसमें ये फैसला लिया गया।

चिराग का साथ बीजेपी के लिए क्यों जरूरी है?

एनडीए बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चिराग पासवान को पत्र भेजा है। इस पत्र में जेपी नड्डा में लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलाश ) को एनडीए का महत्वपूर्ण सहयोगी बताया है। और चिराग पासवान को इस बैठक में शामिल होने के लिए आग्रह किया है।दिलचस्प बात ये है कि चिराग पासवान इस समय एनडीए का हिस्सा नहीं है।

रामविलाश पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी टूट गई है, एक धड़े पर चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने कब्जा जमा लिया, जिसे नाम दिया राष्ट्रीय लोक जन पार्टी लेकिन पारस इस समय एनडीए का हिस्सा हैं और मंत्री भी हैं। सूत्रों के अनुसार पिछले सप्ताह बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और चिराग पासवान के बीच दो बार मुलाकात हुई थी, जिसमें बताया जा रहा है कि बीजेपी एक बार फिर से पुराने साथी को महत्व दे रही है।

चिराग को खास बनाता है बिहार का गणित

2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी, जेडयू और अविभाजित एलजेपी एक साथ थी। उस समय एनडीए ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में 39 सीटों पर कब्जा जमाया था, और विपक्षी यूपीए को सिर्फ एक सीट मिली थी। लेकिन इस बार समीकरण बदल गए हैं। नीतिश कुमार पाला बदलकर यूपीए के साथ है, और वहीं चिराग पासवान की पार्टी दो हिस्सों में बट गई है, ऐसे में बीजेपी को बिहार में साथी की तलाश है। बीजेपी चाहती है कि चिराग और उसके चाचा के बीच सब ठीक हो जाए और दोनो एक साथ इस बैठक में शामिल हो। लेकिन अभी ये देखना है कि बीजेपी चिराग पासवान की कितने शर्तें  को पूरा करती है, और बैठक में चिराग पासवान आएंगे या नहीं।  

 

 

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