मंगलवार, दिसम्बर 3, 2024
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अमृत महोत्सव के दौरान उत्तर प्रदेश के स्टेट कोऑर्डिनेटर वागीश सिंह को टेली लॉ में सम्मान से नवाजा

   टेली-लॉ योजना से गांव में     सीएससी केन्द्रों पर एक्सपर्ट से   मिल रही मुफ्त कानूनी सलाह  

सीएससी के उत्तर प्रदेश टेली लॉ कॉर्डिनेटर को वागीश सिंह को भारत सरकार और न्याय विभाग द्वारा किया गया सम्मानित

हाथरस।

आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान उत्तर प्रदेश के स्टेट कोऑर्डिनेटर वागीश सिंह को टेली लॉ में सम्मान से नवाजा गया ।जिन्होंने उत्तर प्रदेश में 2 लाख पीड़ितों को सलाह और न्यायिक सहायता दिलाने का सफलतापूर्वक कार्य किया । ये पुरस्कार उन्हें केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजजु और माननीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल द्वारा देकर सम्मनित किया गया।

भारत सरकार के न्याय विभाग एवं राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण के अंतर्गत कानूनी प्रक्रिया को आमजन तक आसानी से एवं सुगम तरीके से पहुंच जाए इसके लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के सीएससी इ-गवर्नेंस के माध्यम से नया नवाचार किया है। अभी तक लोगों को कानूनी सलाह प्राप्त करने के लिए वकील के पास जाने की जरूरत होती थी, साथ ही हर जगह पर वकील की उपलब्धता भी नहीं हो पाती थी। इसको देखते हुए केंद्रीय न्याय विभाग ने सीएससी इ-गवर्नेंस के माध्यम से इस योजना को लागू किया है जिसमें सूचना एवं संचार तकनीकी का इस्तेमाल करके दिल्ली के एक्सपर्ट वकील और जरूरतमंद हितग्राहियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद कराया जा रहा है। कानूनी सलाह प्रदान की जा रही है। टेली लॉ योजना को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था, अच्छे परिणाम को देखते हुए इसे सभी लागू कर दिया गया है। सेंटरों में जो इस दायरे में नहीं आते व्यक्तियों से मात्र 30 रुपए के शुल्क में सलाह दी जाएगी।

यह है प्रक्रिया – 

सीएससी जिला प्रबंधक प्रदीप सिंह ने बताया कि टेली-लॉ के माध्यम से लाभ लेने के लिए हितग्राहियों को उनके गांव, पंचायत में उपस्थित सीएससी केंद्र जाना पड़ता है जहां पर सीएससी के पोर्टल के माध्यम से हितग्राही का ऑनलाइन पंजीयन होगा जिसमें नाम, उम्र,पता, फोन नंबर तथा समस्या का संक्षिप्त में वर्णन होगा और एक्सपर्ट से समय के लिए अपाइंटमेंट फिक्स कर लिया जा रहा है। एक्सपर्ट के द्वारा उस बुकिंग समय में हितग्राही को कानूनी सलाह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदान की जा रही है। सीएससी के माध्यम से टेली ला योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही अपना कोई भी पता का पूफ्र, जन्मप्रमाण पत्र, दिव्यांग है तो उसका सर्टिफिकेट लेकर पंजीयन काराना पड़ रहा है।

    टेली लॉ के माध्यम से शामिल       प्रकरण    

– दहेज, पारिवारिक विवाद, तलाक, घरेलू हिंसा से बचाव, महिला, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन यौन दुव्र्यवहार, छेड़छाड़ पर।
– जमीन जायदाद व सम्पत्ति का अधिकार, महिला एवं पुरुषों के लिए समान मजदूरी, मातृत्व लाभ, भ्रू हत्या रोकथाम, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल मजदूरी, बच्चों के शिक्षा के अधिकार।
– गिरफ्तारी (गिरफ्तारी के बाद की प्रक्रिया, बिना वारंट गिरफ्तारी, जोर जबरदस्ती से गिरफ्तारी, महिला से पूछताछ, पुलिस हिरासत में यातना, एफआइआर प्रक्रिया, जमानती, गैर जमानती अपराध।
– जमानती प्रक्रिया, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के प्रति अत्याचार और पुन्निरवास पर।

  इनको मिल रहा लाभ  

– महिलाएं
– बच्चे
– अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के सदस्य
– औद्योगिक कामगार, श्रमिक, मजदूर
– जातीय हिंसा से पीडि़त।
– प्राकृतिक आपदा से पीडि़ता जैसे भूकंप, बाढ़, सूखा।
– दिव्यांग व्यक्ति, मानसिक रूप से अस्वस्थ्य।
– गरीबी रेखा के नागरिक।
– ऐसे व्यक्ति जो अभिरक्षा में हैं।

 

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