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नीति निर्माताओं का लक्ष्य तर्कसंगत नीती होना चाहिए- प्रो. पी के दशौरा

 

मंगलायतन विश्वविद्यालय में साक्ष्य आधारित नीति निर्माण पर हुई संगोष्ठी

कुलपति प्रो. पीके दशोरा को प्रमाण पत्र देते प्रो. एमयू रब्बानी

अलीगढ़ ।
मंगलायतन विश्वविद्यालय व फेडरेशन फॉर एविडेंस बेस्ड डेवलपमेंट इन इंडिया (एफईडीआई) के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को मुख्य सभागार में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय ‘‘राष्ट्रीय नीतियों पर विश्वविद्यालय का प्रभाव’’ था। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने की। वहीं मुख्य वक्ता एफईडीआई के अध्यक्ष प्रो. एमयू रब्बानी, वक्ता सचिव डा. डीएस फारूकी व वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. असद यू खान रहे। कार्यक्रम में प्राध्यापकों के साथ शोधार्थियों व विद्यार्थियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया। विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना के साथ ही कुलगीत की प्रस्तुति दी। स्वागत भाषण के दौरान कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने अतिथियों का परिचय कराया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलपति, प्रति कुलपति व परीक्षा नियंत्रक ने अतिथियों का स्वागत किया गया।

प्रो. एमयू रब्बानी को सम्मानित करते कुलपति प्रो. पीके दशोरा।

मुख्य वक्ता प्रो. एमयू रब्बानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि साक्ष्य-आधारित प्रथाएं सामाजिक और आर्थिक जटिलताओं और परिवर्तन के प्रति लोगों की प्रतिक्रियाओं की अप्रत्याशित प्रकृति जैसी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करती हैं। डा. डीएस फारूकी ने कहा कि सर्वोत्तम उपलब्ध साक्ष्य को नीति विकास और कार्यान्वयन के केंद्र में रखकर किया गया साक्ष्य-आधारित नीति अनुसंधान नीति निर्माताओं को निर्णय लेने में मदद करता है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने कहा कि नीति निर्माताओं का लक्ष्य तर्कसंगत नीती होना चाहिए। जिससे अंततः ऐसी नीतियां बनाई जा सकें जो आबादी की जरूरतों के साथ बेहतर ढंग से संरेखित हों। यह दृष्टिकोण पारदर्शिता, जवाबदेही और मापने योग्य परिणामों पर ध्यान केंद्रित करने को बढ़ावा देता है, जो सार्वजनिक नीति और शासन के समग्र सुधार में योगदान देता है। प्रो. असद यू खान ने भी अपने विचार रखे।
कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने संभावित युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सारा अफजल को, उल्लेखनीय शैक्षणिक योगदान के लिए डा. फैसल हसन रिजवी, डा. कैफुल इस्लाम, डा. शेहनूर शान, कोपल शर्मा, शोएब अली, कुशाग्र श्रीवास्तव, काजी शीराज आरिफ, उल्लेखनीय तकनीकी योगदान के लिए शुजा शब्बीर को सम्मानित किया। वहीं मंविवि के प्रो. राजीव शर्मा को कृतज्ञता पुरस्कार, प्रो. सिद्धार्थ जैन को आभार पुरस्कार व प्रो. अब्दुल वदूद सिद्दीकी को आभार पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके साथ ही एफईडीआई द्वारा मंगलायतन विश्वविद्यालय को ‘‘विशिष्ठ शैक्षणिक उत्कृष्टता’’ के लिए सम्मानित किया गया। प्रति कुलपति प्रो. सिद्दी वीरेशम ने सभी का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। संचालन डा. श्वाती अग्रवाल ने किया।

मंगलायतन विश्वविद्यालय में कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि व प्राध्यापक

इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा, प्रो. आरके शर्मा, प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. सौरभ कुमार, प्रो. कुमुदनी पवार, प्रो. वाईपी सिंह, प्रो. अंकुर अग्रवाल, प्रो. यानामला अनुराधा, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत, डा. संतोष गौतम, डा. हैदर अली, डा. अशोक उपाध्याय, डा. पूनम रानी, मोहन माहेश्वरी आदि थे।

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