उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली. खास बात तो यह रही कि यह वही शहर और अस्पताल है, जहां 3 महीने पहले उनकी दूसरी पत्नी साधना यादव ने भी अंतिम सांस ली थी. अखिलेश यादव ने सपा के ट्विटर हैंडल पर मुलायम सिंह की मृत्यु की जानकारी दी है. जिसके बाद राष्ट्रपति, पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने दुख जताया.तो वहीं प्रदेश भर में तीन दिन का राजकीय शोक भी घोषित कर दिया गया… बतादें कि मुलायम सिंह कई दिनों से यूरीन इन्फेक्शन और ब्लड प्रेसर जैसी बीमारियों से जूझ रहे थे. लेकिन 1 अक्टूबर को उनकी हालत नाजुक होने के कारण उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था.
28 साल की उम्र में पहली बार विधायक बनने वाले मुलायम सिंह यादव 55 साल तक राजनीति में रहे… और उस समय उनकी राजनीतिक यात्रा काफी उतार-चढ़ाव से भरी रही है. नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह 3 बार मुख्यमंत्री 7 बार लोकसभा सांसद और 9 बार विधायक चुने गए. इतना ही नहीं वो एक बार केंद्र के रक्षामंत्री भी रहें. अपने राजनीतिक करियर में मुलायम सिंह भारत के प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए थे.
दरअसल 90 के दशक में एक दौर ऐसा आया था, जब नेताजी देश के पीएम बनते-बनते रह गए. बात 1996 की है, जब कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. लेकिन बीजेपी के पास भी बहुमत नहीं था. 13 दिन बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद सवाल यह उठा कि अब नई सरकार कौन बनाएगा. कांग्रेस के पास 141 सीटें तो थीं. लेकिन कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने के पक्ष में नहीं थी. इसके बाद मिली जुली सरकार बनाने की पहल शुरू हुई. और पीएम पद के लिए सबसे पहले वीपी सिंह और ज्योति बसु का नाम उछला. लेकिन दोनों के ही नाम पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई. इसके बाद लालू यादव और मुलायम सिंह यादव का नाम सामने आया. तब तक लालू चारा घोटाले में फंस चुके थे. इसलिए उनका भी नाम कट गया. तब मुलायम सिंह का नाम तय माना जा रहा था. लेकिन मौके पर लालू ने सियासी चाल चली और उनकी उम्मीदवारी का विरोध कर दिया. और इस विरोध में शरद यादव भी शामिल रहे. इस तरह से मुलायम का भी नाम पीएम पद की रेस से हट गया. आखिरकार एचडी देवगौड़ा देश के पीएम बने और मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्री.
फिर 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में भी किसी दल को बहुमत नहीं मिला था. तब एक बार फिर मुलायम का नाम पीएम पद की रेस में आया. लेकिन उस समय भी मुलायम के नाम पर यादव नेता सहमत नहीं हुए. और इसके बाद मुलायम सिंह ने एक बार कहा था कि वे प्रधानमंत्री बनना चाहते थे. लेकिन, लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, चंद्र बाबू नायडू और वीपी सिंह के कारण वो प्रधानमंत्री नहीं बन पाए.
मुलायम सिंह यादव की शख्सयित पार्टी की सीमाओं से पार हर दल और विचारधारा के लोगों को आकर्षित करती थीं…यही वजह है कि उनके निधन के बाद सिर्फ समाजवादी पार्टी ही नहीं बल्कि हर दल और संगठन में शोक की लहर है…
BY- HIMANSHEE GUPTA