गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
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क्या है ऑपरेशन कावेरी, जो America ना कर पाया India ने कर दिखाया!

African देश Sudan जल रहा है। अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, सैकड़ों घायल हैं। गृहयुद्ध की आग में जल रहे Sudan में फंसे Indians को निकालने के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है। विदेश मंत्री Dr. S. Jaishankar ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि सूडान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी जारी है। करीब 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि भारतीयों को वहां से वापस लाने के लिए हमारे जहाज और एयरक्राफ्ट तैयार हैं। सूडान में लगभग दो हफ्ते से आर्मी और पैरामिलिट्री फोर्स में जंग चल रही है। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, सूडान में तीन हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हैं।

 

संकटग्रस्त देशों में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत ऐसे ऑपरेशन शुरू करता है। जब Afghanistan में तालिबान ने कब्जा किया था, तो वहां से अपनों को निकालने के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ लॉन्च किया था। इसी तरह जब पिछली साल रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू कर दी थी, तो वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया था। अब जब सूडान में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं तो वहां रह रहे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है।

इसके लिए वायुसेना और नौसेना की मदद ली जा रही है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के दो ट्रांसपोर्ट विमान C-130J सऊदी अरब के जेद्दाह में स्टैंडबाय पर हैं। इसी तरह नौसेना का जहाज आईएनएस सुमेधा तो पोर्ट सूडान भी पहुंच गया है। इसी जहाज के जरिए पहले 500 भारतीयों को वहां से लाया जा रहा है.
हालांकि, विदेश मंत्रालय का ये भी कहना है कि वहां से भारतीयों को निकालने का प्लान जमीनी हालात पर भी निर्भर करेगा। क्योंकि राजधानी खार्तूम में हालात ‘अस्थिर’ बने हुए हैं। इसके अलावा भारत उन देशों के साथ भी को-ऑर्डिनेट कर रहा है, जो वहां फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालना चाहते हैं।

सूडान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए दूसरे देश भी आगे आए हैं। सऊदी अरब और फ्रांस वहां से कई भारतीयों को सुरक्षित निकाल चुके हैं। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को बताया था कि सूडान से कई नागरिकों को बाहर निकाला है, जिनमें 91 विदेशी नागरिक हैं। इनमें कई भारतीय नागरिक भी शामिल है। इसी तरह भारत में फ्रांस की दूतावास ने बताया था कि 28 देशों के 388 नागरिकों को सूडान से निकाल लिया गया है, जिनमें पांच भारतीय भी शामिल हैं।सूडान में कुछ दिन पहले सेना और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच जंग शुरू हो गई थी। ये संघर्ष सेना के कमांडर जनरल अब्देल-फतह बुरहान और पैरामिलिट्री फोर्स के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डगालो के बीच हो रहा है। जनरल बुरहान और जनरल डगालो, दोनों पहले साथ ही थे। मौजूदा संघर्ष की जड़ें अप्रैल 2019 से जुड़ी हैं। उस समय सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के खिलाफ जनता ने विद्रोह कर दिया था। बाद में सेना ने अल-बशीर की सत्ता को उखाड़ फेंक दिया था।
बशीर को सत्ता से बेदखल करने के बावजूद विद्रोह थमा नहीं. बाद में सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच एक समझौता हुआ। समझौते के तहत एक सोवरेनिटी काउंसिल बनी और तय हुआ कि 2023 के आखिर तक चुनाव करवाए जाएंगे। उसी साल अबदल्ला हमडोक को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। लेकिन इससे भी बात नहीं बनी। अक्टूबर 2021 में सेना ने तख्तापलट कर दिया। जनरल बुरहान काउंसिल के अध्यक्ष तो जनरल डगालो उपाध्यक्ष बन गए।

जनरल बुरहान और जनरल डगालो कभी साथ ही थे, लेकिन अब दोनों एक-दूसरे के खिलाफ हो गए हैं। इसकी वजह दोनों के बीच मनमुटाव होना है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दोनों के बीच सूडान में चुनाव कराने को लेकर एकराय नहीं बन सकी. इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि सेना ने प्रस्ताव रखा था जिसके तहत आरएसएफ के 10 हजार जवानों को सेना में ही शामिल करने की बात थी।
लेकिन फिर सवाल उठा कि सेना में पैरामिलिट्री फोर्स को मिलाने के बाद जो नई फोर्स बनेगी, उसका प्रमुख कौन बनेगा। बताया जा रहा है कि बीते कुछ हफ्तों से देशभर के अलग-अलग हिस्सों में पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती बढ़ गई थी, जिसे सेना ने उकसावे और खतरे के तौर पर देखा।

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